चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) एक खगोलीय घटना है, जिसके दौरान पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया जाता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। इनमें से एक है मंत्र जाप। मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है, लेकिन ग्रहण के वक्त मंत्रों का मानसिक जाप किया जा सकता है। मानसिक जाप में मंत्रों का जाप मन ही मन किया जाता है। साल का दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर 2024, दिन बुधवार को लगेगा।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान मंत्र जाप क्यों?
मान्यता है कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। मंत्र जाप करने से इस नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मंत्र जाप के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करने और सकारात्मकता ऊर्जा को बढ़ाने की कोशिश की जाती है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) के दौरान कौन से मंत्र का जाप करें?
ॐ नमः शिवाय:
यह सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्रों में से एक है। सभी राशियों के लोग इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
“ॐ चंद्राय नमः”
यह मंत्र चंद्रमा के गुण और ऊर्जा को स्वीकार करने और उसकी शांति प्राप्त करने के लिए है।
“ॐ श्री सोमाय नमः”
यह मंत्र विशेष रूप से चंद्र ग्रहण के समय ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:”
यह मंत्र लक्ष्मी जी को समर्पित है। धन प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
“ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नमः”
यह मंत्र चंद्र देव को समर्पित है। मन की शांति और शीतलता के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
“ॐ नमः भगवते चंद्राय”
चंद्र देवता को सम्मान देने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए यह मंत्र उपयोगी माना जाता है।
ग्रहण (Grahan) के दौरान करें ये काम
ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान भोजन बनाना, खाना, सोना और कुछ अन्य कार्य वर्जित माने जाते हैं। ग्रहण के दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। इसलिए ग्रहण के दौरान घर में भी पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। लेकिन ग्रहण के दौरान दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। भोजन, कपड़े, फल आदि का दान किया जा सकता है।
ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।