माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानि आज 21 जनवरी, 2022 दिन शुक्रवार को संकष्टी चौथ का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद ने बताया कि व्रत और पूजन के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। साथ ही भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उनके 12 नामों और मंत्रों का भी जाप करें।
सकट चौथ शुभ मुहूर्त व चंद्रोदय का समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद ने बताया कि चतुर्थी तिथि 21 जनवरी को सुबह 7.26 बजे से लेकर 22 जनवरी, शनिवार की सुबह 7.24 बजे तक रहेगी। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 05 मिनट से सुबह 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। वहीं चंद्रोदय रात को 8 बजकर 39 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय काल मिलने से माताएं 21 जनवरी को ही व्रत रखेंगी।
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गणेश जी के इन मंत्रों का करें जाप
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद ने आगे बताया कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन इसकी कथा सुनने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है। महिलाएं सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश जी के व्रत का संकल्प लें। रात में नये वस्त्र धारण कर भगवान गणेश का पूजन करें। साथ ही ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप, गणेश स्तुति, गणेश चालीसा, संकटा चौथ व्रत कथा का श्रवण करें।
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गणेश जी के 12 नाम
ज्योतिषाचार्य ने आगे बताया कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के कम से कम 12 नामों का भी स्मरण करना चाहिए, ताकि भविष्य में आने वाली सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिले और जीवन सुखमय रहे।
भगवान विघ्नेश्वर के 12 नाम हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन।
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साथ ही भगवान गणेश के पूजन में पांच मौसमी फलों के साथ ही काली तिल और गुड़ से बने लड्डू, फूल-दूर्वा, अक्षत चढ़ाने चाहिए। इसके बाद रात्रि में चन्द्रोदय के बाद दुग्ध से चंद्रदेव को अर्घ्य देकर पूजन के पश्चात फलाहार ग्रहण करना चाहिए।