हनुमान जन्मोत्सव हर साल बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है। इस दिन हनुमान जी के साथ प्रभु श्री राम और माता सीता की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष कार्यक्रम के साथ सुंदर कांड का पाठ किया जाता है। साथ ही जगह-जगह पर भंड़ारे का भी आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन माता अंजनी और राजा केसरी के घर हनुमान जी का जन्म हुआ था। कहते हैं कि हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से हनुमान जी की आराधना और मंत्र जाप करना है, उस व्यक्ति को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा शिक्षा, व्यवसाय, नौकरी, कोर्ट-कचहरी के कामों में सफलता प्राप्त होती है और भगवान हनुमान की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनी रहती हैं।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) यानी चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर होगी। साथ ही तिथि का समापन अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पूजा मंत्र
>> ऊं हं हनुमते नम:
>> ऊं हं पवन नन्दनाय स्वाहा
>> ऊं नमो भगवते हनुमते नम:
>> ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
>> ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय ठं ठं ठं ठं ठं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा ||
>> अंजनी गर्भ संभूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा
जल खोलूं जल हल खोलूं खोलूं बंज व्यापार आवे धन अपार। फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा।
>> अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का महत्व हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का खास महत्व है। कहते हैं इस दिन हनुमान जी की अराधना करने से जीवन की तमाम परेशानियों और संकट से छुटकारा मिलता है, जिसकी वजह से उन्हें संकट मोचन कहा जाता है। हनुमान जी का जन्म वानर राज केसरी और उनकी पत्नी अंजनी के घर हुआ था, इसलिए इन्हें केसली नंदन और आंजनेय के नाम से पुकारा जाता है।