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सफला एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप, हर काम में मिलेगी सफलता

Saphala Ekadashi

Saphala Ekadashi

हिंदू धर्म में सफला एकदशी (Saphala Ekadashi) के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। मान्यता के अनुसार, सफला एकादाशी पर भगवान विष्णु का पूजन करने वालों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही जो भी इस दिन व्रत करता है, भगावन विष्णु की कृपा से उसे हर काम में सफलता प्राप्त होती है। मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। इस व्रत को करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सफला एकादशी आज यानी 26 दिसंबर को मनाई जाएगी। बुधवार यानी आज रात 10 बजकर 28 मिनट पर सफला एकादशी की तिथि शुरू होगी। ये तिथी 27 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 43 मिनट पर खत्म होगी। हिंदू धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के बाद होती है। ऐसे में 26 दिसंबर को सफला एकादशी मनाई जाएगी। व्रत भी 26 दिसंबर को ही रखा जाएगा।

भगवान विष्णु की करें ध्यान

इस दिन पूजन और व्रत के साथ ही भगवान विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। शास्त्र कहते हैं कि सफला एकादशी पर नारायण के मंत्रों के जाप से सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही जीवन में तरक्की की नई राहें खुलती हैं। मान सम्मान भी बढ़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं हिंदू धर्म शास्त्रों में सफला एकादशी पर किन मंत्रों का जाप करने लिए कहा गया है। साथ ही सफला एकदाशी की पूजा विधि और इस दिन का महत्व क्या है।

इन मंत्रों का करें जाप

– ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात
– नमो भगवते वासुदेवाय
– ॐ नमो नारायणाय
– ॐ क्लीं विष्णवे नमः
– ॐ अं प्रद्युम्नाय नमः
– ॐ आं संकर्षणाय नमः
– ॐ अ: अनिरुद्धाय नमः

पूजा विधि

– सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) पर प्रात: काल स्नान के बाद भगवान विष्णु का स्मरण और व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
– इसके बाद पूजा की तैयारी करनी चाहिए। पूजा के समय पीला कपड़ा बिछाना चाहिए। फिर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए।
– भगवान को गंगाजल से स्नान कराके नए वस्त्र पहनाने चाहिए और तिलक करना चाहिए।
– भगवाल को पीले रंग के फूल और फल चढ़ाने चाहिए। साथ ही पीले रंग का चंदन लगाना चाहिए।
– भगवान को धूप दीप दिखाकर दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बने पंचामृत का भोग लगाना चाहिए।
– भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। सफला एकादशी की व्रत कथा भी पढ़नी चाहिए।
– अंत में भगवान की आरती करके पूजा समाप्त की जानी चाहिए। फिर प्रसाद वितरण कर खुद भी ग्रहण करना चाहिए।

सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) पर भगवान का पूजन और व्रत करने से घर में खुशियां बनी रहती हैं। इस दिन तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना गया है। इस दिन तुलसी लगाने से घर में धन धान्य बढ़ता है। घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है। वहीं इस दिन व्रत करने से अक्षय पुण्य मिलता है।

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