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प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप, घर में होगा खुशियों का आगमन

Bhaum Pradosh

Bhaum Pradosh

हिन्दू धर्म में देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) विशेष माना गया है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। अश्विन माह का आखिरी प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) मंगलवार को पड़ने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत माना जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक को आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही महादेव की कृपा सदैव बनी रहती है।

प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) की पूजा के दौरान भगवान शिव के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और पूजा सफल होने के साथ विवाह की बाधाएं दूर होती हैं।

पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अक्टूबर को तड़के सुबह 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और 16 अक्टूबर 2024 को सुबह 12 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 15 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को ही भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

इस विधि से करें जाप

प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) के दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करें। प्रदोष काल में शिवलिंग के सामने बैठकर दीपक जलाएं और धूप-दीप करें। शुद्ध मन से इन मंत्रों का 108 बार या अपनी इच्छानुसार जाप करें। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और शिव पुराण का पाठ करें। इन मंत्रों के जाप के साथ-साथ आपको अपने कर्मों में भी सुधार करना चाहिए।

इन मंत्रों का करें जाप

– ॐ नमः शिवाय: यह मंत्र शिवजी का सबसे पवित्र मंत्र है। इसका जाप करने से मन शांत होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

– ॐ महादेवाय नमः: इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

– ॐ कार्तिकेय नमः: कार्तिकेय भगवान शिव के पुत्र हैं। इस मंत्र का जाप करने से कुंडली दोष दूर होते हैं और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।

– ॐ पार्वती नमः: माता पार्वती भगवान शिव की पत्नी हैं। इस मंत्र का जाप करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

– ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। इस मंत्र को मृत संजीवनी मंत्र कहा जाता है। यदि आप इस मंत्र का जाप करते हैं, तो भगवान शिव हमेशा आशिर्वाद बनाए रखते हैं। इसलिए प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) का महत्व

ज्योतिष शास्त के अनुसार, प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat) के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ दो गायों को दान करने के समान भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कर्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियों का आगमन होता है। इसके अलावा विवाह में आ रही रुकावटें खत्म होती है और विवाह के शुभ योग बनते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल में की जाती है। प्रदोष व्रत के अवसर पर रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति का वास होता है।

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