हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। प्रदोष व्रत मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन विधिपूर्वक पूजन-व्रत करने वालों पर सदा भोलेनाथ की कृपा दृष्टि बनी रहती है। प्रदोष व्रत करने से नीरोगी जीवन प्राप्त होता है। भगवान शिव की कृपा से करियर और कारोबार में सफलता मिलती है।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) की पूजा के दौरान भगवान भोलेनाथ के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही विवाह में अगर कोई बाधा आ रही है, तो वो भी दूर हो जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार माघ माहीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 26 जनवरी को रात 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 27 जनवरी को 8 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 27 जनवरी को रखा जाएगा। इस दिन सोमवार पड़ रहा है। ऐसे में ये सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमः शिवाय:– यह भगवान भोलेनाथ का सबसे पावन मंत्र माना जाता है। जो भी इस मंत्र का जाप करता है उसके मन को शांति मिलती है। साथ ही सभी इच्छा पूर्ण होती है।
ॐ महादेवाय नमः– जो भी इस मंत्र का जाप करता है उस पर भगवान शिव प्रस्नन होते हैं। विवाह में कोई बाधा आ रही हो तो वो दूर हो जाती है।
ॐ कार्तिकेय नमः– इस मंत्र के जाप से कुंडली के दोष दूर होते हैं। विवाह की बाधाएं समाप्त होती हैं।
ॐ पार्वती नमः– जो भी इस मंत्र का जाप करता है उसका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ: इस मंत्र का जाप करने से हमेशा भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन शिवलिंग का दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करना चाहिए।
प्रदोष काल के समय में शिवलिंग के सामने बैठकर दिया जलाना चाहिए। साथ ही धूप-दीप करना चाहिए।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। शिव पुराण का पाठ भी करना चाहिए।
फिर मन को शुद्ध कर इन मंत्रों का 108 बार या अपनी इच्छानुसार जाप करना चाहिए।