हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो कलयुग के इस समय में भी भक्तों के लिए साक्षात् रुप में धरती लोक पर उपस्थित हैं। हनुमान जी अत्यंत बलशाली हैं। इनकी पूजा आराधना से भक्त सारे भय से मुक्त हो जाता है। जो लोग हनुमान जी के उपासक होते हैं बुरी शक्तियां उनके निकट नहीं आती हैं।
प्रभु श्री राम के भक्त हमुमान अद्भुत शक्तियों के स्वामी हैं। ये हर प्रकार से अपने भक्तों की संकट से रक्षा करते हैं। इनके चालीसा में एक पंक्ति में कहा गया है ‘’रोग दोष जाके निकट न झांके’’ अर्थात् जिन लोगों पर हनुमान जी की कृपा होती हैं रोग और कष्ट उनके पास भी नहीं आते हैं। हनुमान जी की उपासना करने से व्यक्ति धन और स्वास्थ संबंधि सभी परेशानियों से मुक्त हो जाता है।
जिस तरह से अन्य देवी-देवताओं की उपासना करने के लिए मंत्रो का जाप किया जाता है उसी तरह हनुमान जी की कृपा पाने के लिए आप उनके एक चमत्कारिक मंत्र का जाप कर सकते हैं। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप सच्चे हृदय, निष्ठा और नियमपूर्वक से करने से रोग आपके निकट भी नहीं आते हैं। आप निरोगी रहते हैं।
हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसलिए इनकी पूजा या जाप करते समय तन, मन, क्रम और वचन से शुद्ध होना अनिवार्य है। सबसे पहले प्रातः उठकर स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके पंचपचार विधि(धूप, अक्षत नैवेद्य, सिंदूर, पुष्प) से हनुमान जी की पूजा करें। उसके बाद गुग्गुल दीप जलाएं और भूमि पर लाल रंग का स्वच्छ आसन बिछाकर बैठे। तत्पश्चात् हनुमान जी का ध्यान करते हुए उनके रोग मुक्त रहने की प्रार्थना करें और इस मंत्र का जाप करें।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय
विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय
सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।।