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इस मंत्र से रातोंरात खुलेगा भाग्य, बनने लगेंगे बिगड़े काम

जब बच्चा पैदा होता है तब ग्रह नक्षत्रों की चाल के आधार पर उसकी जन्म कुंडली का निर्माण होता है. जन्म कुंडली के अनुसार ही उस व्यक्ति के पूरे जीवन में घटनाएं घटित होती हैं. क्या उसे अच्छा मिलेगा क्या उसे बुरा मिलेगा यह सब पूर्व निहित है. जीवनकाल में तमाम ऐसी दिक्कतें आती हैं जिनका समाधान निकल पाना असंभव सा लगता है. मेहनत के बाद भी किस्मत साथ नहीं देती है. ऐसी स्थिति में कुछ मंत्रों (Mantra) के जाप से जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता है. आज एक ऐसे ही मंत्र के बारे में बता रहे हैं कासगंज सोरों के ज्योतिषाचार्य गौरव कुमार दीक्षित-

बदल सकता है भाग्य

व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से ही फल मिलता है. कुछ लोगों का भाग्य इतना तेज होता है कि बिना ज्यादा प्रयास किए ही उन्हें सफलता मिल जाती है. ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय भी बताए गए हैं जो भाग्य को बदलने या भाग्योदय करने का काम करते हैं. ऐसे ही एक ऐसा ही चमत्कारी मंत्र (Mantra) है जो भाग्योदय करने का काम करता है. ये मंत्र इतना शक्तिशाली है कि इसके जाप करने से व्यक्ति की सारी परेशानियां दूर होने लगती हैं और धन, सुख -सम्रद्धि आदि उसके जीवन में आना शुरू हो जाती है.

भाग्योदय मंत्र (Mantra)  और इसके जाप की विधि

भाग्योदय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो आपकी बंद किस्मत के दरवाजे भी खोल सकता है. यह बहुत ही प्रभावी मंत्र है इस मंत्र को पूर्ण विधि के साथ करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कुंडली में ग्रह नक्षत्र के दोस्त को भी यह शांत करता है उसके बाद ही आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है.

मंत्र : ॐ ऐं श्रीं भाग्योदयं कुरु कुरु श्रीं ऐं फट् ।।

यह मंत्र बहुत शक्तिशाली और चमत्कारी है, इसका जाप करने से लेकिन इसके जाप की अपनी उचित विधि है. विधिपूर्वक इसका जाप ना करने से ये मंत्र व्यर्थ हो जाता है.

कब करना चाहिए इस मंत्र (Mantra) का जाप

इस मंत्र का जाप हमेशा सोने से पहले करना चाहिए. इस मंत्र का जाप कम से कम 11 बार जरूर करें. इसे आप अपनी इच्छानुसार आप 21 या 51 या 108 बार भी कर सकते हैं.एक माला जाप करने से इसका असर बहुत जल्दी होता है.

कितने दिन करना चाहिए इस मंत्र (Mantra) का जाप

इस भाग्योदय मंत्र का जाप लगातार 21 दिनों तक लगातार करना है. इस मंत्र के जाप से पहले अपने हाथ-पैर धो लें एवं साफ स्वच्छ वस्त्र पहनकर इस मंत्र जाप करें एवं जाप के बाद भगवान का हाथ जोड़कर धन्यवाद करें और क्षमा याचना करें.

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