देहरादून। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) को लेकर देश-दुनिया के तीर्थयात्रियों में उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में चारधाम यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं का भीड़ प्रबंधन करना प्रशासन के लिए चुनौती बन रहा है। श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने की वजह से प्रशासन के भीड़ प्रबंधन करने में पसीने छूट रहे हैं। चारों धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है तो सड़कों पर जाम की स्थिति फिर खड़ी हो गई है। हालांकि प्रशासन लगातार भीड़ प्रबंधन में जुटा हुआ है।
यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक चारों धामों में 8,85,733 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं चारधाम यात्रा के लिए अब तक 31,18,926 श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रा में केदारनाथ के लिए सबसे अधिक क्रेज है। केदारनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में सबसे अधिक उत्साह है। यही कारण है कि बाबा के दर पर जाने वालों की संख्या सर्वाधिक है। आस्था की डगर उन्हें ऐसे खींच लाई है कि उनके सामने अव्यवस्था और जाम जैसी समस्याएं भी बौनी साबित हुई है। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं का उत्साह इस बार चारधाम में सभी रिकॉर्ड तोड़ेगा। तीर्थयात्रियों के उत्साह का आलम यह है कि उन्हें मंदिरों में दर्शन के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। देर रात तक दर्शन करने पड़ रहे हैं।
चारों धाम के दर्शन की बात करें तो केदारनाथ धाम में अब तक 3,91,590 श्रद्धालु दर्शन किए हैं। बद्रीनाथ धाम में 178521 श्रद्धालु तो यमुनोत्री धाम में 164132 व गंगोत्री धाम में अब तक 151490 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। पिछले वर्ष 56 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन किए थे।
मालीवाल केस में केजरीवाल के माता-पिता से थोड़ी देर में होगी पूछताछ
वहीं पंजीकरण पर गौर करें तो चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) के लिए अब तक 31,18,926 श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। यमुनोत्री के लिए 4,86,285, गंगोत्री के लिए 5,54,656, केदारनाथ के लिए 10,37,700 व बद्रीनाथ के लिए 9,55,858 तो हेमकुंड साहिब के लिए 84,427 श्रद्धालु पंजीकरण कराए हैं। रिकॉर्ड भीड़ के दृष्टिगत सड़क से धाम आस्था का ज्वार दिख रहा है।
मनोरम प्राकृतिक स्थलों, नदियों एवं झरनों का लुत्फ उठा रहे श्रद्धालु
यमुनोत्री एवं गंगोत्री धामों की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालु मनोरम प्राकृतिक स्थलों, नदियों एवं झरनों का आनंद उठाने के साथ यात्रा पड़ावों पर स्थित मंदिरों का दर्शन लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में बड़ी संख्या में रूकने वाले तीर्थयात्री नगर के प्राचीन मंदिरों व घाटों के दर्शन करने के साथ गंगा आरती में भी प्रतिभाग कर रहे हैं।