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नोएडा न आने के लिए मायावती-अखिलेश पर मुख्यमंत्री योगी ने कसा तंज

नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद को चुनाव के लिए एजेंडा के रूप में प्राथमिकता दी है, जबकि अन्य दलों ने वंशवाद और पारिवारिक राजनीति को बढ़ावा दिया। नोएडा न आने के लिए उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज भी कसा और कहा कि इन लोगों ने यहां न आकर नोएडा के विकास की उपेक्षा की।

गौतमबुद्ध नगर की आधिकारिक यात्रा के दौरान योगी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि हमने विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद को एजेंडा बनाया है। राज्य में पहले वंशवाद और पारिवारिक राजनीति ने न केवल भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया और राज्य के लोगों, गरीबों, किसानों तथा युवाओं का शोषण किया, बल्कि इससे असुरक्षा का माहौल भी पैदा हुआ।

योगी ने कहा कि हर तीसरे दिन राज्य में दंगा भड़क जाता था। कहीं भी कर्फ्यू लगाये जाने पर विकास अपने आप बाधित हो जाता है। जब बेईमानी और भ्रष्टाचार आपके जीवन का हिस्सा बन जाते हैं, तब आपको सुशासन नहीं मिल सकता है।

उन्होंने सपा,  कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वंशवाद और परिवारवाद से जुड़े इन लोगों ने अतीत में यह सब किया है। उन्होंने कहा कि 2017 से मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, अपराधी या तो जेल में कैद हैं या उन्होंने राज्य छोड़ दिया है।

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मुख्यमंत्री ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव से पहले असामाजिक तत्वों को टिकट देकर ऐसे लोगों को वापस लाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची के साथ सपा बैकफुट पर आ गई है और अब वह दूसरी सूची जारी करने के लिए पर्याप्त साहस नहीं जुटा पा रही है।

योगी ने कहा कि जिस तरह के पेशेवर अपराधियों और माफियाओं को इसकी पहली सूची में टिकट दिये गये हैं, वे राज्य के लोगों का सामना करने की स्थिति में नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा लोगों तक विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा,   हमने इन्हीं मुद्दों पर 2017 का चुनाव जीता था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2017 में जो वादे किये थे, उन्हें पूरा किया है और 10 मार्च, 2022 को जब भाजपा एक बार फिर उप्र में सरकार बनाएगी, तब वह इस एजेंडा को फिर से आगे बढ़ाएगी।

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उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में होने वाले चुनाव की शुरुआत 10 फरवरी से होगी। परिणामों की घोषणा 10 मार्च को की जाएगी।

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