नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा के जिम्मेदार लोग इस कोशिश के साथ सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं कि पीएलए लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौट जाए।
मांझी ने लालू परिवार पर जमकर बोला हमला, कहा- 30 अगस्त तक खोलेंगे पत्ते
जनरल रावत ने कहा कि सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। जनरल रावत ने इशारा किया कि पूर्वी लद्दाख में सेनाओं की तैयारी पूरी है। उन्होंने कोई ऑपरेशनल डिटेल्स देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “LAC पर अतिक्रमण अलग-अलग नजरिये की वजह से होता है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकने का है।
तीन साल पहले जब चीन ने डोकलाम में धौंस दिखाई थी, तब जनरल रावत सेना प्रमुख थे। उन्होंने खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी की बात को सिरे से खारिज किया है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी कह चुके हैं कि आर्मी हाई अलर्ट पर है। फारवर्ड पोस्ट्स के लिए कई हथियार, गोला बारूद और विंटर गियर खरीद रही है। LAC के साथ ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में तापमान सर्दियों के महीनों में शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है।