सिद्वार्थनगर। इस वर्ष अक्षय तृतीया के अवसर पर जिले में कोई बाल विवाह न हो इसके लिए मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर के द्वारा विशेष प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए पुरोहित, मौलवी, व धर्मगुरूओं के सहयोग की अपील संस्थान के कार्यकारी निदेशक पुरू मयंक त्रिपाठी के द्वारा किया गया है।
उक्त बातें मानव सेवा संस्थान सेवा के प्रोग्राम मैनेजर जय प्रकाश गुप्ता ने मंगलवार को ब्लाक सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में बताई। उन्होंने बताया कि संस्थान के द्वारा बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सिद्धार्थनगर जिले में सहयोगी संगठन के रूप में कार्य किया जा रहा है। मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’ गोरखपुर की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-विवाह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों, मौलवियों एवं धर्मगुरूओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसको व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है।
उन्होंने बताया कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी के बिना संपन्न नहीं हो सकता। उन्होंने उन सभी धर्मगुरुओं को बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया गया है। इसके सकारात्मक नतीजे को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने पाएगा। आज जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए है जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि जे आर सी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से ‘‘ बाल विवाह मुक्त भारत’ कैम्पेन चला रहा है।
जे.आर.सी.कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है। मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’गोरखपुर ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझाकर अकेले 2023-24 में ही जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्य किये है।
उन्होंने बताया कि हमारे संस्थान का यह प्रयास है कि 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जे.आर.सी.के संस्थापक भुवनऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन रू टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।
मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’के प्रोग्राम मैनेजर ने कहाॅ कि अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है।
अंत मे उन्होंने कहा कि बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होन देने की शपथ ले रहे हैं। हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त सिद्वार्थनगर जनपद के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
उन्होंने कहाॅ कि संस्थान के द्वारा बाल विवाह मुक्त अभियान जो चलाया जा रहा है, समाज के सभी प्रबुद्वजन, समाजसेवी, एवं जनसामान्य के सहयोग से हम इस कुप्रथा को रोकने में सफल होंगे। इस अभियान में जन सामान्य से सहयोग की अपील भी किया गया है।
धर्मगुरुओं से समन्वय स्थापित कर बाल विवाह की रोकथाम के लिए ‘सेवा’ चलाएगा विशेष अभियान
