सिद्धार्थनगर। मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर के द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर सिद्धार्थनगर जनपद में कोई बाल विवाह न हो इसके लिए श्री सिंहेश्वरी मन्दिर में धर्मगुरूओं के बीच जन जागरूकता हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सहभागिता की।
बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में संस्थान के निदेशक पुरू मयंक त्रिपाठी शामिल हुए इसके साथ ही विभिन्न समप्रदाय के धर्मगुरूओं ने अपनी सहभागिता किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम मैनेजर जय प्रकाश गुप्ता ने किया
जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुरू मयंक त्रिपाठी ने कहा कि बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) में मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर सहयोगी संगठन की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान को व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। जिसमें आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
संस्थान के पुरू मयंक त्रिपाठी ने कहाॅ कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवियों पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया। इसके सकारात्मक नतीजों को देखते हुए हम उम्मीद कर सकते हैं इस अक्षय तृतीया पर संकल्प हम सभी करे कि जिले में एक भी बाल विवाह नही होने पाएगा।
मन्दिर के महन्थ स्वामी दिव्यांशु जी महाराज ने बाल विवाह के खिलाफ सभी को शपथ दिलाया तथा सभी से बाल विवाह में शामिल न होने की अपील भी किया, उन्होंने यह भी कहा कि बाल विवाह रोकने की जिम्मेदारी हम सब की है। पुजारी आचार्य शारदा प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि बाल विवाह समाजिक बुराई होने के साथ साथ कानून अपराध है। बाल विवाह खिलाफ सभी को आना होगा।
प्रोग्राम मैनेजर जय प्रकाश गुप्ता ने कहाॅ कि आज जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए है जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नही है। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया कैम्पेन चला रहा है। जे आर सी कानूनी हस्तक्षेपों के जरिए बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में जमीन पर काम करने वाला 250 से भी ज्यादा नागरिक संगठनों का नेटवर्क है जिसने पिछले वर्षों में दो लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं और पांच करोड़ सेज्यादा लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई है।
मानव सेवा संस्थान ने 2024-2025 में स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझाकर देश भर में 33333 बाल विवाह रुकवाए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन स्टाप टू चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।
अभी भी देश में बाल विवाह के खिलाफ जरूरी जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि यह बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंडबाजा वाले, मैरेजहाल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया क्योंकि यह वो सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो विवाह संपन्न कराता है। हमने उन्हें समझाया कि बाल विवाह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के साथ बलात्कार है। 18 वर्ष से कम उम्र की किसी बच्ची से वैवाहिक संबंधों में भी यौन संबंध बनाना यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत बलात्कार है।
वन स्टॉप सेंटर के मैनेजर आकांक्षा वर्मा ने कहाॅ कि बेहद खुशी का विषय है कि आज पंडित और मौलवी इस बात को समझते हुए न सिर्फ इस अभियान को समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे बढ़कर बाल विवाह नहीं होने देने की शपथ ले रहे हैं। यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह संपन्न कराने से इनकार कर दे तो देश से रातों रात इस अपराध का सफाया हो सकता है।
एएचटीयू के मुख्य आरक्षी देवेंद्र यादव ने कहाॅ कि इस अभियान में वर्तमान में उपस्थित लोगों के उत्साह से आशातीत सहयोग व समर्थन से हम अभिभूत हैं। इसको देखते हुए हमारा मानना है कि जल्द ही हम बाल विवाह मुक्त सिद्धार्थनगर के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
इस दौरान सीएचएल के रीना यादव, एएचटीयू के आशुतोष सिंह, समरजीत चौरसिया, जिला प्रोबेशन कार्यालय से अविनाश सिंह, सेवा के संदीप कुमार मद्धेशिया, ब्रजेश पाण्डेय, सुनील मणि त्रिपाठी, बृजलाल यादव, अभिषेक पाण्डेय, आदित्य जायसवाल, आशुतोष श्रीवास्तव, पंकज मिश्रा, राकेश मिश्रा, प्रियांशु चतुर्वेदी, अनूप प्रजापति सहित भारी संख्या में स्थानीय नागरिक एवं आशा, आंगनबाड़ी, शिक्षक, महिलाएं, धर्मगुरू, मंदिर के पुजारी आदि शामिल हुए जिनके द्वारा बाल विवाह मुक्त देश को बनाने का संकल्प दुहराया गया।
बाल विवाह के खिलाफ ‘सेवा’ ने आयोजित किया जागरूता कार्यक्रम
