लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से बरती गई सख्ती के बाद भी शिक्षण संस्थानों से इससे जुड़े मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला यूपी की राजधानी लखनऊ के एक स्कूल में नमाज (Namaz) पढ़ने को लेकर बवाल मच गया है। स्थानीय लोगों द्वारा आक्रोश जाहिर करने के बाद प्रशासन और शिक्षा विभाग हरकत में आया । प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
मामला ठाकुरगंज के नैपियर रोड कॉलोनी में बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Council) के एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के पढ़ाई करने के दौरान नमाज (Namaz) पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वीडियो वायरल होते ही बवाल हो गया।
Video
लखनऊ में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में हिंदू छात्राओं ने पढी नमाज़। स्कूल की इंचार्ज मीरा यादव पर नमाज पढ़वाने का आरोप लगा। हिंदू संगठनों ने इस घटना के बाद किया हंगामा। ठाकुरगंज के नैपियर रोड कॉलोनी में है स्कूल। pic.twitter.com/gFXbQcKVzJ
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) October 21, 2023
स्थानीय पार्षद मनीष रस्तोगी, विश्व हिंदू महासंघ (Vishwa Hindu Mahasangh) के जिला संयोजक अंकुर कुमार व अन्य लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए और जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। लोगों ने स्कूल का घेराव तक किया।
स्कूल इंचार्ज पर नमाज (Namaz) पढ़वाने का आरोप
स्थानीय लोगों ने स्कूल इंचार्ज मीरा यादव पर बच्चों को जबरन नमाज (Namaz) पढ़वाने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरूण कुमार से की गई। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों की एक टीम को मौके पर रवाना किया और पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। प्राथमिक जांच में स्कूल इंचार्ज मीरा यादव, सहायक अध्यापिका तहजीब फातिमा और शिक्षा मित्र ममता मिश्रा को दोषी पाया गया है।
इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रभाव से स्कूल इंचार्ज मीरा यादव को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। उन्हें स्कूल इंचार्ज के पद स हटाकर ब्लॉक संसाधन केंद्र से अटैच कर दिया गया है। इसके अलावा सहायक अध्यापिका तहजीब फातिमा और शिक्षा मित्र ममता मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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बेसिक शिक्षा अधिकारी अरूण कुमार ने इस पूरे प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह को सौंपी है। उन्हें 15 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यालय में सौंपनी होगी।