पटना| 19 का असर पूरे साल की शिक्षा पर पड़ चुका है। मार्च से स्कूल लगातार बंद हैं। छोटे क्लास के बच्चे अब नये साल में ही स्कूल जा पायेंगे। बिहार के ज्यादातर निजी विद्यालय ने छठी तक के बच्चों को नये साल में ही बुलाने का निर्णय लिया है। छठीं कक्षा तक के बच्चे अब अपनी वार्षिक परीक्षा 2021 के समय में ही स्कूल जायेंगे। स्कूल द्वारा उनकी आंतरिक बैठक में यह निर्णय लिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के डर से छोटे क्लास को फिलहाल बंद ही रखा जायेगा।
कई निजी स्कूल द्वारा नौंवी से 12वीं तक डाउट क्लास शुरू किया गया है। पिछले दस दिन से डाउट क्लास शुरू तो हुआ, लेकिन इसमें छात्रों की उपस्थिति पांच फीसदी भी नहीं रहती है।
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अभिभावक बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं। वहीं तमाम मिशनरी स्कूलों ने डाउट क्लास के लिए भी स्कूल को बंद ही रखा है। डॉन बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि अभिभावकों से राय मांगी गयी थी। 95 फीसदी अभिभावक बच्चों को भेजने को तैयार नहीं हैं।
नवंबर से दिसंबर के बीच में अगर संक्रमण कम हुआ तो नौंवी से 12वीं तक की कक्षाएं खुल पायेंगी। सीनियर क्लास खोलने के बाद अगर बच्चे सुरक्षित रहें तो सातवीं और आठवीं तक की कक्षाएं खोली जा सकती हैं, लेकिन इसका निर्णय स्कूल प्रशासन द्वारा बाद में लिया जायेगा।