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गलत इंजेक्शन लगाने से बच्चे की हालत बिगड़ी, पुलिस नहीं दर्ज कर रही रिपोर्ट

wrong injection

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लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस बीते आठ दिनों से पीडि़त की तहरीर पर एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा नहीं कर रही है। आरोप है कि पीडि़त से पुलिस यह कह कर उसे बार-बार थाने से वापस कर देती है कि मुकदमा लिखने के लिए उन्हें सीएमओ से परिमिशन लेनी होगी।

थाना सुशांत गोल्फ सिटी के मस्तेमऊ गांव निवासी राजीव शुक्ला के अनुसार बीते 5 जनवरी को अहमामऊ गांव स्थित चाइल्ड हेल्थ केयर सेंटर के डॉक्टर पीके मौर्या से अपने डेढ़ माह के बेटे की स्किन समस्या को लेकर इलाज कराने गए थे।

पीडि़त का आरोप है कि डॉक्टर पीके मौर्या ने वैक्सीन लगाने के नाम पर 3500 रुपये जमा करा कर उसे एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगा दिया। बच्चे की तबियत बिगडऩे पर पीडित ने इंजेक्शन के रैपर पर नजर डाली तो उसे पता चला कि जो इंजेक्शन उसे दिया गया वह एक्सपायरी डेट का है। पीडि़त ने जब डॉक्टर से इंजेक्शन के बारे में पूछा तो उसने कहा कि दो माह की एक्सपायरी के इंजेक्शन लगाने से कुछ नहीं होता।

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पीडि़त ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस उसे डॉक्टर ने गाली देकर भगा दिया। पीडि़त ने मामले की लिखित शिकायत सुशांत गोल्फ सिटी इंस्पेक्टर से की। लेकिन पुलिस पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा लिखने के बाजए पहले सीएमओ से परिमिशन लाने की बात समझाती रही। पीडि़त का डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा आठ दिन बाद भी दर्ज नहीं किया गया। पीडि़त का आरोप है कि डॉ पीके मौर्या सरकारी नौकरी करते है। जिनकी पोस्टिंग बाराबंकी जिले के किसी स्वास्थ्य केंद्र पर है।

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