नई दिल्ली। चीनी कंपनियां पीओके स्थित नीलम-झेलम नदी पर बड़े-बड़े बांध बना रही है। इसके खिलाफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रहने वाले लोगों ने सड़कों पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध जाताया है।
मुजफ्फराबाद शहर में मशाल जुलूस निकाला गया है। कमेटी के लोगों ने ‘दरिया बचाओ, मुज़फ्फराबाद बचाओ’ और ‘नीलम और झेलम बहने दो, हमको जिंदा रहने दो’ के नारे लगाए। रैली में शहर के सैकड़ों निवासियों और पीओके के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों ने भाग लिया।
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बता दें कि पाकिस्तान और चीन ने आजाद पट्टन और कोहाला में हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर एग्रीमेंट साइन किए हैं। 700.7 मेगावाट बिजली की आजाद पट्टन हाइडल पावर परियोजना 6 जुलाई को हुए चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर (CPEC) का हिस्सा है। 1.54 बिलियन की USD परियोजना को चीन की जियोझाबा ग्रुप कंपनी (CGGC) द्वारा प्रायोजित किया जाएगा।
#WATCH Protests and torch rally took place in Muzaffarabad city of Pakistan occupied Kashmir (PoK) last night, against the construction of mega-dams that will be built by Chinese firms on Neelum-Jhelum river. pic.twitter.com/ib0Y2j6Cok
— ANI (@ANI) September 8, 2020
कोहाला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट झेलम नदी से 7 किलोमीटर और पाकिस्तान की राजधानी से 90 किलोमीटर दूर है। 2026 तक पूरा होने की उम्मीद वाला यह प्रोजेक्ट चाइना थ्री गोरजेस कॉर्पोरेशन, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) और सिल्क बैंक फंड द्वारा प्रायोजित किया जाएगा।
मुज़फ़्फ़राबाद के निवासी इलाके चीनी लोगों की उपस्थिति, बांध निर्माण और नदी की विविधता को लेकर चिंतित हैं। उन्हें अपने असतित्व को लेकर खतरा महसूस हो रहा है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर के नाम पर दोनों देश पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूट रहे हैं। पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है।