Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

चीन व WHO मिलकर चल रहे हैं ये गंदी चाल, सामने आई बड़ी सच्चाई

चीन व WHO मिलकर चल रहे हैं ये गंदी चाल

चीन व WHO मिलकर चल रहे हैं ये गंदी चाल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मिली भगत अब धीरे धीरे उजागर होने लगी है। कठघरे में खड़ा चीन अब बेनकाब होता दिख रहा है। हॉंगकॉंग से जान बचा कर भागी वायरोलॉजिस्ट डॉ.ली.मेंग.यान की मानें तो कोरोना पर अहम जानकारी होने के बावजूद चीन और WHO ने मिलकर पूरी दुनिया को गुमराह किया है।

डॉ.यान ने आरोप लगाया कि चीन सरकार को बहुत पहले ही चीन को पता लग गया था कि यह वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है।उनका दावा है कि जब उन्हें चीन की सच्चाई का पता चला तो वह अपने शोध से लोगों की जान बचाना चाहती थीं पर उनके सुपरवाइज़र ने उन्हें चुप करा दिया। इसलिए अपनी जान बचाने के लिए उन्हें 28 अप्रैल को अमरीका भागना पड़ा। उन्हें अब भी डर है कि चीन सरकार उन्हें मार देगी।

जानें क्या है डॉ.यान का दावा?

गौरतलब है कि WHO ने चीन के हवाले से 9 जनवरी 2020 को यह दावा किया था कि कोरोना वाय़रस एक से दूसरे इंसान में नहीं फैलता। जबकि 31 दिसम्बर को ही चीन में यह पता चल चुका था कि यह संक्रमण एक से दूसरे मनुष्य को हो रहा है।

16 जनवरी को डॉ.यान ने WHO की रेफरेंस लैब में अपने सुपरवाइज़र डॉ.लियो पून को इस बाबत जानकारी भी दी थी। उनके सुपरवाइज़र डॉ.पून ने उन्हें चुप रहने और सतर्क रहने की हिदायत देते हुए कि कहा कि अगर यह बात किसी को बताई तो हम मुश्किल में पड़ जाएंगे औऱ गायब हो जाएंगे।

अमेरिका में गुमनाम जगह पर रह रहीं हैं डॉ.यान

इस खुलासे के बाद डॉ.यान की ज़िंदगी में भूचाल आ गया। उनके साइंटिस्ट पति ने उन्हें छोड़ दिया और यूनिवर्सिटी ऑफ हॉंगकॉंग ने कह दिया कि वह उनकी कर्मचारी नहीं हैं। इतना ही नहीं WHO ने भी डॉ.यान ,डॉ.पून और डॉ.पीयरिस को अपना कर्मचारी मानने से इंकार कर दिया है।

जायडस कर रहे कोविड-19 वैक्सीन को मार्च 2021 तक लॉन्च करने की उम्मीद

हॉंगकॉंग की यह साइंटिस्ट अमरीका में गुमनाम जगह में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह चीन में यह खुलासा करतीं तो पहले लापता हो जाती और फिर मार दी जातीं। उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने दुनिया को बचाने के लिए जो सच्चाई बताई है उसकी कीमत में उन्हें अपना देश, दोस्त और परिवार हमेशा के लिए छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मेरा देश और वहां की सरकार इस राज़ के खुलने से बहुत नाराज़ है ।

महिला वैज्ञानिक को चीनी सरकार की बर्बरता का है अंदाज़ा

हॉंगकॉंग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञता हासिल करने वाली वायरोलॉजिस्ट को चीनी सरकार की बर्बरता का पूरा अंदाज़ा है। यही वजह है कि अमरीका भागते समय वह सिर्फ अपना पासपोर्ट और पर्स लेकर निकलीं। वह कहती है कि चीनी सरकार के हत्थे लगते ही उन्हें इस हद तक प्रताड़ित किया जाता जितना वह सोच भी नहीं सकतीं।

इसी मुद्दे पर है अमरीका और चीन में तनातनी

इस बीमारी की शुरुआत से ही अमरीका चीन को कोरोना के लिए ज़िम्मेदार ठहराता है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प कई बार इसे चीनी वायरस कह चुके हैं।

चीन को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति का रुख बहुत सख्त है और वह कई बार कह चुके हैं कि चीन को अपनी इस गलती की सज़ा भुगतनी पड़ेगी। डॉ.यान के इस खुलासे के बाद अमरीका के हाथ हॉंगकॉंग की महिला वैज्ञानिक के तौर पर घातक हथियार लग चुका है।

Exit mobile version