अंतर्राष्ट्रीय डेस्क. पूरी दुनिया में लोगों को जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन के बन जाने का इन्तेजार है. विश्व भर में इस समय हजारों वैक्सीन पर ट्रायल चल रहें हैं. कई कम्पनीज ने अपनी कोरोना वैक्सीन के सफल होने तक का दावा भी कर दिया है. अब चीन ने भी अपनी कोविड-19 वैक्सीन के बारे में ऐसा ही कुछ दावा किया है. चीन की तरफ से ये बात कही गयी है कि उनकी वैक्सीन ‘कोरोना वैक’ महज 28 दिन में शरीर में एंटीबॉडीज पैदा करने की छमता रखती है.
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इससे संबंधित अध्ययन रिपोर्ट को ‘लैंसेट इंफेक्शियस डिसीज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। चीन ने दावा किया है कि’कोरोना वैक’ शुरुआती चरण के ट्रायल में सुरक्षित पाई गई है और उसने 18 से 59 साल के स्वस्थ व्यक्तियों में पहले टीकाकरण के 28 दिन के भीतर कोरोना के खिलाफ प्रभावी एंटीबॉडीज विकसित की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अध्ययन के सह लेखक फेंगकई झू कहते हैं, ‘हमारा अध्ययन बताता है कि कोरोना वैक के दो डोज 14 दिन के अंतराल पर दिए जाने पर यह टीकाकारण के चार हफ्ते के अंदर सबसे ज्यादा एंटीबॉडीज प्रतिक्रिया पैदा करने में सक्षम है।’
फेंगकई झू के मुताबिक, ‘जब कोरोना वायरस का खतरा कम हो जाएगा, तब एक महीने के अंतर पर वैक्सीन की दो खुराक देना दीर्घकालिक प्रतिरोधी तंत्र विकसित करने के लिए पर्याप्त रहेगा।’ आपको बता दें कि ‘कोरोना वैक’ का फिलहाल तीसरे यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है।
दरअसल, कोरोनावैक चीनी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी सिनोवैक द्वारा विकसित एक संभावित कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार है। ब्राजील में करीब 10 हजार लोगों पर इसका ट्रायल चल रहा है, लेकिन हाल ही में एक व्यक्ति की मौत के बाद इसके ट्रायल को रोक दिया गया है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि उस व्यक्ति की मौत वैक्सीन के कारण हुई है या किसी अन्य वजह से।
आपको बता दें कि चीन फिलहाल चार-चार वैक्सीन पर काम कर रहा है, जो तीसरे यानी अंतिम चरण के क्लीनिकल ट्रायल में हैं। इसमें सिनोवैक बायोटेक तो शामिल है ही, इसके अलावा चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) मेडिकल रिसर्च यूनिट ने भी निजी कंपनी कैनसिनो के साथ मिलकर एक वैक्सीन तैयार की है। खास बात ये है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल चीन में आम लोगों पर भी हो रहा है।