वाशिंगटन। एक समाचार पत्र में अपने लेख में खुफिया विभाग प्रमुख ने चीन की मंशा को साफ करते हुए लिखा है कि वह सैन्य, तकनीक और आर्थिक तीनों ही ताकतों का इस्तेमाल कर पूरे विश्व को अपने कब्जे में करना चाहता है। चीन के प्रमुख कदम और उसकी बड़ी कंपनियों का इरादा केवल सत्ता में बैठी कम्युनिस्ट पार्टी की इच्छा और इरादों को आगे बढ़ाना है।
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अमेरिका के खुफिया विभाग प्रमुख जॉन रेटक्लिफ ने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही अमेरिका और पूरे विश्व के लिए चीन सबसे बड़ा खतरा है। यह वक्तव्य ऐसे समय पर आया है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर सख्ती बरत रहे हैं और जो बाइडन को भी ऐसा ही करने के लिए रास्ता दिखा रहे हैं। चीनी कंपनियां अमेरिका की कंपनियों को धीरे-धीरे समाप्त करने की मंशा लेकर आगे बढ़ रही हैं।
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डै्रगन की इन कोशिशों पर अमेरिकी प्रशासन ने लगाम लगाई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में भी लगातार चीन के प्रति आगाह किया। जो बाइडन भी चीन की गलत नीतियों के विरोध में हैं और उसके इरादों को अमेरिका आगे भी सफल नहीं होने देगा। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं और उनके पारिवारिक सदस्यों के अमेरिका दौरे पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियम जारी किए हैं।
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दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर समेत कई मसलों को लेकर पहले से ही तनातनी चल रही है। अब ट्रंप प्रशासन की ओर से बुधवार को जारी किए गए इन नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, नए नियमों के तहत चीनी नेताओं और उनके करीबी पारिवारिक सदस्यों के लिए जारी होने वाले वीजा सिर्फ एक माह के लिए वैध होंगे। यानी वे अब अमेरिका में अधिकतम एक माह तक ही रुक सकेंगे।