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चीन ने पैंगॉन्ग झील में बनाने शुरू किए अपने नए कैंप

पैंगॉन्ग झील

पैंगॉन्ग झील

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन की एक और चाल का खुलासा हुआ है। डिसएंगेजमेंट की बात के बाद भी चीन पैंगॉन्ग झील में अपनी तैनाती बढ़ा रहा है। 14 जुलाई की बातचीत के बाद चीन ने अतिरिक्त बोट और सेना की टुकड़ी को पैंगॉन्ग में तैनात किया है। विवादित इलाके में चीन अपनी ताकत बढ़ा रहा है।

पैंगॉन्ग झील में चीन ने नए कैंप बनाने शुरू कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इन कैंप में अतिरिक्त सेना की टुकड़ी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही पैंगॉन्ग झील में भी और बोट उतारे जा रहे हैं। चीन की नई चाल सैटेलाइट में कैद हो गई है। सैटेलाइट इमेज में दिख रहा है कि चीन पैंगॉन्ग झील में अपनी ताकत बढ़ा रहा है।

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29 जुलाई की सैटेलाइट इमेज को इंडिया टुडे की टीम ने जब बारीकी से देखा तो पता चला कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना फिंगर-5 और फिंगर-6 में डेरा जमाए हुए हैं। फिंगर-5 पर पीएलए के तीन बोट और फिंगर-6 पर पीएलए के 10 बोट दिखाई दिए। हर बोट में 10 जवान सवार हैं। यानी 130 जवान फिंगर-4 के बेहद करीब तैनात हैं।

15 जून की सैटेलाइट इमेज में फिंगर-6 में पीएलए के 8 बोट दिखाई दे रहे थे, जो अब बढ़कर 10 हो गए हैं। सैटेलाइट इमेज में ही फिंगर-5 में पीएलए की नौसेना का बेस दिखाई दे रहा है, जिसमें 40 कैंप दिखाई दे रहे हैं। 29 जुलाई की सैटेलाइट इमेज से साफ होता है कि चीनी सेना ने अपनी ताकत बढ़ाई है।

सैटेलाइन इमेज में 40 प्रीफैबरिकेटेड कैंप और करीब 15 टेंट देखे जा सकते हैं। इसके अलावा चार अतिरिक्त टेंट हैं, जो कि बोट क्रू के लिए बनाए गए होंगे। प्रीफैबरिकेटेड कैंप से पता चलता है कि चीनी सेना ने सर्दियों की तैयारी शुरू कर दी है। टेंटों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि बताती है कि वे पैंगॉन्ग झील में अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं और पीछे जाने के मूड में नहीं है।

कोर कमांडर स्तर की चौथी बैठक के अगले दिन यानी 15 जुलाई को चीनी सेना फिंगर-4 से पीछे हटकर फिंगर-5 पर चली गई थी, लेकिन फिंगर-5 से लेकर फिंगर-8 तक वह अपनी ताकत बढ़ा रही है। भारतीय सेना का कहना है कि एलएसी फिंगर 8 से होकर जाती है।

 

 

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