नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगभग डेढ़ माह से जारी तनातनी के बीच सेटेलाइट से लिए गए पूर्वी लद्दाख के लिए गए ताजा फोटो के अनुसार चीन ने पैंगोंग झील के पास नया निर्माण किया है।
गलवन घाटी में 15 जून को हुई खूनी झड़प के बाद इस माह की शुरुआत में पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 से दोनों देशों की सेनाएं हट गई थीं। इससे गलवन में तो दोनों देशों की सेनाओं के बीच बफर जोन बन गया था लेकिन पैंगोंग झील के पास से चीन के सैनिक हटने को तैयार नहीं हैं।
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सेटेलाइट के जरिए पृथ्वी की हलचल की निगरानी करने वाली अमेरिकी कंपनी मैक्सर से हासिल की गई लद्दाख की 15 जुलाई की तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने फॉक्सहोक में अपना अस्थायी निर्माण गिरा दिया है लेकिन वहीं थोड़ी दूर पर मिट्टी और पत्थर से कुछ निर्माण करने के साथ लाल रंग के तिरपाल के टेंट लगाए हैं। इन टेंट की तरफ चीन की ओर पगडंडियां भी दिख रही हैं। रंग और आकार के अनुसार ये स्पष्ट रूप से चीन के टेंट हैं। चीन की सेना चौकोर टेंट लगाती है जबकि भारतीय सेना इगलू की तरह गोल टेंट लगाती है। फोटो में भारत के भी दो बड़े टेंट दिख रहे हैं। उनका ऊपरी हिस्सा सफेद और नीचे का हिस्सा है। इसी तरह फिंगर 4 की ओर पहाड़ी पर भी चीन के टेंट दिख रहे हैं। गूगल अर्थ के अनुसार एलएसी यहीं से गुजरी है।
विशेषज्ञों के अनुसार भारत-चीन के बीच एलएसी तिब्बत के निर्जन क्षेत्र और 135 लंबी पैंगोंग झील के पास से गुजरी है। पैंगोंग झील दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित खारे पानी की झील है। इस झील में एक पहाड़ के कुछ हिस्से इस तरह निकले हुए हैं जो उंगलियों की तरह दिखते हैं। इन्हें ही फिंगर एरिया कहते हैं। इनकी संख्या आठ है और हर का एक नंबर है। पहले यह पूरा इलाका भारत के पास था लेकिन चीन ने घुसपैठ कर फिंगर चार तक अतिक्रमण कर लिया है। 15 जून को गलवन में खूनी झड़प से पूर्व पैंगोंग में भी दोनों देशों की सेनाएं तनातनी की स्थिति में थीं।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील से चीनी सैनिकों की वापसी के लिए दोनों भारत चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की पांचवे दौर की बातचीत अगले हफ्ते हो सकती है। इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम करने के लिए अब तक दोनों देशों के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है।
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सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर हुई कई दौर की बातचीत से पैट्रोलिंग प्वाइंट 14,15 और 17 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं। लेकिन चीनी सैनिक पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने में टालमटोल कर रहे हैं। इसके लिए तरीका तय करने के लिए दोनों देशों के बीच अगले हफ्ते कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो सकती है।
दोनों देशों के बीच शुक्रवार को हुई बैठक के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष अपनी सेनाओं को पीछ करने पर तैयार हैं।