चित्रकूट गैंगरेप मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय बुधवार को फैसला सुनाएंगे। इस मामले में सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति समेत विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रूपेश्वर पर गैंगरेप व जानमाल की धमकी देने का आरोप है।
इससे पहले कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत अन्य आरोपियों को मौखिक साक्ष्य देने का अवसर 2 नवंबर समाप्त कर दिया था। मंगलवार को पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की ओर से अर्जी देकर मुकदमे की तारीख बढ़ाए जाने की मांग की गई थी।
इसमें कहा गया था कि इस मुकदमे को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है, इसी के साथ एमपी एमएलए कोर्ट के उस आदेश को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है जिसमें उसके बचाव के सबूत पेश करने की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।
वहीं 8 नवंबर को अभियोजन की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि गवाह अंशु गौड़ ने अपने बयान में साफ कहा है कि पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री और भारी रकम का लालच देकर कोर्ट में सही गवाही न देने के लिए राजी किया गया था। अभियोजन ने रजिस्ट्री को साबित करने के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ और पीड़िता की ओर से दिल्ली के कोर्ट को दिए गए कलम बंद बयान को तलब करने का आदेश देने की भी मांग की गई थी। आपको बताते चलें कि पीड़िता एमपी एमएलए कोर्ट में गायत्री प्रजापति पर लगाए गैंगरेप के आरोपों से मुकर चुकी है।
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आपको बताते चलें कि अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति इसी गैंगरेप के मामले में जेल में बंद है। 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी गायत्री के खिलाफ एफआईआर। 15 मार्च 2017 को इस मामले में गायत्री प्रजापति गिरफ्तार हुआ था।