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इस तरह से चुनें मेकअप बेस, मिलेगा परफेक्ट लुक

Makeup

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खुद को सजाने, संवारने और खूबूसूरत बनाने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्टस को चेहरे पर अप्लाई करते है। इससे चेहरा कई बार खूबूसरत दिखता है, तो कभी कभार मेकअप (Makeup) हम पर सूट नहीं करता है। इसका कारण हैं अपनी स्किन के अनुसार मेकअप बेस (Makeup Base) का चयन न करना। अगर हम अपनी स्किन यानी त्वचा के अनुसार मेकअप बेस का चयन नहीं करते और मेकओवर करने के लिए अगर स्टेप्स का पालन नहीं करते हैं, तो चेहरा न केवल बदसूरत लगने लगता है बल्कि स्किन को नुकसान होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में अगर आप भी अपनी फेशियल ब्यूटी को बढ़ाना चाहती है, तो मेकअप बेस (Makeup Base) को चुनते समय इन टिप्स को फॉलो जरुर करें-

क्लींजर, टोनर, मॉइश्चराइज़र

मेकअप प्रोडक्टस (Makeup Products) को चेहरे पर अप्लाई करने से पहले स्किनकेयर रूटीन को फॉलो करना न भूलें। इससे स्किन पर जमा बैक्टीरिया और गंदगी को आसानी से क्लीन जा सकता है। सबसे पहले अपनी स्किन टाइप के हिसाब से अच्छे क्लींजर का इस्तेमाल करके अपने चेहरे को धोंए। उसके बाद चेहरे पर टोनर को रूई के फाहे से डैप डैप करने लगाएं। जो ओपन पोर्स में कसावट लाने का काम करता है। इसके बाद चेहरे पर माइश्चराइज़र को अच्छी तरह से लगाएं।

अंडरटोन को समझना है जरूरी

स्किन टोन को समझने से पहले अंडरटोन को समझना होगा। दरअसल अंडरटोन वो रंग होते हैं जो आपकी त्वचा के ओवरऑल कलर को बताते हैं। दरअसल कई बार स्किन टोन में बदलाव आ जाते हैं। एक्ने, टैनिंग, डेड स्किन, यह सब कुछ आपके स्किन टोन को दबाने का काम करते हैं, लेकिन अंडरटोन हमेशा एक जैसा रहता है। अंडरटोन को 3 तरीके से डिवाइड किया गया है। कूल, वार्म, और न्यूट्रल जो अलग-अलग कलर में देखने को मिलते हैं। जैसे अगर आपका अंडरटोन कूल है तो आपकी स्किन में पिंक, रेड और ब्लू कलर में ग्लो देखने को मिलेगा। वहीं अंडरटोन वार्म है तो त्वचा में पीच, येलो और ग्लोडन हिंट दिखेगा। इसके अलावा न्यूट्रल अंडरटोन में आपको कूल और वार्म दोनों का मिश्रण दिख सकता है।

ऑयली स्किन के लिए

अगर आपकी स्किन ऑयली है तो फेस वॉश करने के बाद टोनर जरूर लगाएं। यह आपकी स्किन की पीएच वैल्यू को बैलेंस करता है और फेस को चिकना होने से रोकता है। इसके लिए आप कोई भी अल्कोहल फ्री टोनर का इस्तेमाल कर सकती हैं। टोनर के बाद आपको लाइट मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। ज्यादातर ऑयली स्किन वाली महिलाएं यही सोचती हैं कि उन्हें मॉइश्चराइजर नहीं लगना चाहिए पर ऐसा बिल्कुल गलत है। मॉइश्चराइजर ना लगाने से आपकी स्किन और ज्यादा ऑयल प्रोड्यूस करती है। इसलिए फाउंडेशन लगाने से पहले एक लाइट वेट का मॉइश्चराइजर लगाना बेहद जरूरी है।

ब्लेमिशेस के लिए चुनें डार्क शेड

यदि आपको ब्लेमिशेस, मुंहासे या धब्बे हैं, तो ऐसा कंसीलर चुनना बेहतर होगा जो आपकी स्किन टोन से लगभग एक शेड गहरा हो। यह पिंपल की रेडनेस और डिस्कलरेशन को रोकने में मदद करेगा। एक फ्लॉलेस स्किन पाने के लिए आप कंसीलर को हल्का फाउंडेशन के साथ अच्छी तरह ब्लेंड करें। ताकि आपको एक स्मूद मेकअप बेस मिल सके।

कॉम्पेक्ट

अगर आपको पहले फांउडेशन और फिर पाउडर लगाना बहुत झंझट लगता है या आप तैयार होने की जल्दी में हैं तो कॉम्पेक्ट इस्तेमाल करें। आजकल हर स्किन से मैच करते कॉम्पेक्ट पाउडर बाजार में उपलब्ध हैं। कॉम्पेक्ट पफ के साथ ही आता है और इसे उसकी मदद से ही लगाएं।

प्राइमर का रोल है खास

मेकअप की फ्रेशनेस प्राइमर पर टिकी रहती है। अगर आप लॉंग लास्टिंग मेकअप की तलाश में हैं, तो प्राइमर को चेहरे पर अप्लाई करना न भूलें। प्राइमर की मदद से चेहरे की फाइन लाइंस और ओपन पार्स को छुपाने में मदद मिलती है। इसे लगाने के लिए मटर के आकार के प्राइमर को मेकअप ब्रश या स्पंज पर रखें और चेहरे पर सर्कुलर मोशन में लगाएं। इसे आप चेहरे के टी ज़ोन से आरंभ करें और फिर पूरे चेहरे पर ब्लैण्ड करें।

डस्की स्किन के लिए फाउंडेशन

डस्की स्किन के लिए लाइट शेड का फाउंडेशन चुनने की गलती ना करें। अपनी स्किन टोन के अनुसार मिलता-जुलता फाउंडेशन ट्राई करें। कोशिश करें कि आप इस स्किन टोन के लिए ब्राउन शेड का फाउंडेशन लें। इसके अलावा दो सही शेड मिक्स कर भी ट्राई किया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले यह देख लें, कि शेड स्किन के अनुसार है या नहीं।

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