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ईशनिंदा का आरोप लगाकर चर्च को फूंका, भीड़ ने ईसाइयों के घरों को भी किया आग के हवाले

Church set on fire in Pakistan

Church set on fire in Pakistan

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बुधवार को फैसलाबाद के जरानवाला शहर में ईसाई समुदाय के दो युवकों पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर कम से कम दो चर्चों (Churches) पर हमला किया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि भीड़ ने चर्च के साथ ईसाइयों के घरों पर भी हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों को चर्चों में तोड़फोड़ करते हुए देखा जा रहा है। वीडियो में सैकड़ों लोगों को लाठी-डंडों के साथ देखा जा सकता है।

प्रधानमंत्री अनवर उल हक ने चर्चों पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश भी दिया है। जिन दो चर्चों (Churches)  निशाना बनाया गया है, उनके नाम ‘सालवेशन आर्मी चर्च’ और ‘सेंट पॉल कैथोलिक चर्च’ हैं। चर्चों के छतों पर चढ़कर तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया है। इसके आसपास के घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। इस घटना के बाद इलाके में रहने वाले लोग डरे सहमे नजर आए हैं। पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के लगभग 26 लाख लोग रहते हैं।

गुस्साई भीड़ ने लाउडस्पीकर के जरिए लोगों की भीड़ इकट्ठा की और जरानवाला के सबसे पुराने चर्च में तोड़फोड़ की गई। वहां रखे सामान को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने तहरीक ए लब्बैक के नारे भी लगाए। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उपद्रव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है जिसके बाद एक्शन लिया जाएगा।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जरानवाला में विवाद की शुरुआत ऐसे हुई कि ईसाइयों की कॉलोनी में मुस्लिम धर्म की पवित्र किताब कुरान शरीफ के फटे हुए पन्ने मिले। इनके ऊपर कथित तौर पर कुछ विवादित लिखे होने का भी दावा किया गया। इसके बाद कुरान शरीफ के इन पन्नों को स्थानीय धार्मिक नेता के पास ले जाया गया। फिर उसने मुस्लिमों से कहा कि उन्हें इस घटना को लेकर प्रदर्शन करना होगा।

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आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी उठाई गई। इस तरह भीड़ प्रदर्शन करते हुए ईसाइयों की कॉलोनी में पहुंच गई। आरोप लगाया गया कि जरानवाला के रहने वाले दो ईसाई युवक रॉकी और राजा ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। उसके बाद उग्र भीड़ हमले पर उतारू हो गई और चर्चों को निशाना बनाया गया। गुस्साई भीड़ ने ईसाई समुदाय के लोगों के घरों को भी आग के हवाले कर दिया।

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