हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के निवास स्थान को मंदिर (Temple) कहा जाता है और धार्मिक मान्यता है कि इस स्थान से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसे में मंदिर के वास्तु को लेकर विशेष ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर देखा जाता है कि घर में स्थित मंदिर में पूजा पाठ के दौरान मंदिर की भी रोज सफाई की जाती है, लेकिन ऐसा करना वास्तु नियमों के अनुसार गलत हो सकता है। मंदिर की सफाई को लेकर वास्तु शास्त्र में क्या कहा गया है, किस दिन मंदिर (Temple) की सफाई करना चाहिए? इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे।
घर का मंदिर (Temple) लाता है सुख समृद्धि
यदि घर में मंदिर स्थापित किया है तो उसमें विराजित देवी-देवताओं को पूजा रोज करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि हर देवी और देवता का एक विशेष दिन होता है। इस दिन यदि भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है, जातक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
इस दिन करना चाहिए मंदिर (Temple) की सफाई
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर की सफाई रोज करने के बजाय शनिवार के दिन सफाई का काम करना चाहिए। शनिवार को पूजा घर की सफाई करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। घर में मौजूद अन्य वास्तु दोष से भी छुटकारा मिलता है। जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती है।
ऐसे करें मंदिर (Temple) की सफाई
– मंदिर में सफाई के दौरान देवी-देवताओं की फोटो को गंगाजल से साफ करना चाहिए।
– दीपक को गीले कपड़े से साफ करना चाहिए।
– जली माचिस की तीलियां, बत्ती, फूल और आदि सामान को पवित्र नदी में प्रवाहित करना चाहिए।