देवरिया। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में ड्यूटी के दौरान एक बाबू (Clerk) मोबाइल पर मूवी देखते हुए पकड़ा गया। उसी दौरान डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। इस संबंध में डीएम ने बाबू से स्पष्टीकरण मांगा और एक दिन का वेतन रोक दिया। वहीं, इस दौरान एक क्लर्क ने बिना आवेदन के छुट्टी ले ली थी। दोनों कर्मचारियों ने जो स्पष्टीकरण दिया है, उसकी खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल, जूनियर क्लर्क (Clerk) मुन्नीलाल ने डीएम को भेजे गए अपने स्पष्टीकरण में लिखा है, ”प्रार्थी मुन्नीलाल शुगर और ब्लड प्रेशर का मरीज है, जिसे डॉक्टर के परामर्श से समय से दवाई लेनी होती है। प्रार्थी ने अपने पटल से संबंधित अभिलेख पत्रावली दराज में रखकर जैसे ही नाश्ता किया, उसी समय धर्मपत्नी का फोन आया कि दवा समय से ले लीजिएगा। फोन रखते समय ही जिलाधिकारी का आगमन हो गया और हम घबराकर फोन चालू हालत में ही जेब में रख लिए। इंटरनेट ऑन होने कारण अन्य प्रोग्राम चालू हो गया।
मुन्नीलाल ने आगे लिखा है, प्रार्थी ने हाल ही में एंड्रॉयड मोबाइल लिया है। इससे पहले नॉर्मल मोबाइल का प्रयोग कर रहा था। प्रार्थी ने विभागीय सूचना जल्द प्राप्त होने के उद्देश्य से एंड्राइड मोबाइल लिया है। अभी एंड्राइड मोबाइल के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है।
प्रार्थी अधिकारियों द्वारा सौंपे गए कार्य ईमानदारी और निष्ठापूर्वक करता है। अतः अनुरोध है कि मेरी आख्या पर मेरे ऊपर सहानुभूति पूर्वक विचार करें। मेरे बाधित वेतन को बहाल करने की कृपा करें। जो भी हुआ है, वह अज्ञानता में हुआ है।”
क्लर्क (Clerk) ने लिखा- ऑफिस आते ही अचानक सिर दर्द और उल्टी होने लगी
क्लर्क गजेंद्र राव ने बिना प्रार्थना पत्र के CL लगा दिया था। उन्होंने भी स्पष्टीकरण में लिखा है, प्रार्थी कार्यालय पर उपस्थित हुआ, लेकिन अचानक सिर दर्द और उल्टी होने लगी। इस वजह से कार्यालय में उपस्थित रहने में असहज महसूस कर रहा था।
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क्लर्क ने आगे लिखा है, जहां तक हस्ताक्षर की जगह आकस्मिक अवकाश CL अंकित मिला है, इसमें मैंने ही आकस्मिक अवकाश CL चढ़ाया, क्योंकि कार्यालय उपस्थित रहने में असमर्थ था। भूलवश अवकाश पत्र तत्काल प्रस्तुत नहीं कर सका। कृपया बाधित वेतन बहाल करने की कृपा करें।”