उत्तराखंड के देहरादून में सहस्त्रधारा कारलीगाढ़ में बादल फटने (Cloudburst) से भारी तबाही हुई। बादल फटने से नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। सहस्त्रधारा के नजदीकी इलाकों में भी आपदा का असर देखने को मिला। इसकी वजह से सलोना मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। सहस्त्रधारा में आधी रात को बादल फटा (Cloudburst) , जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। सहस्त्रधारा के साथ डोईवाला में भी भारी बारिश के चलते लाल तप्पड़ में देहरादून-हरिद्वार हाईवे का पुल जाखन नदी की बाढ़ में डूब गया।
बादल फटने (Cloudburst) के बाद खतरे से बचने के लिए लोग रात को सड़कों पर आ गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद आए पानी के सैलाब में होटल भी आ गए। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर जिला प्रशासन, डीएम ने पहुंचकर मोर्चा संभाला। मौके पर राहत बचाव कार्य भी शुरू कर दिया है। SDRF, NDRF की टीम जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। प्रभावित स्थानों पर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही डीएम सविन बंसल ने हालात को देखते 1 से 12वीं तक के सभी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र रखने के आदेश जारी किए हैं।
4 से 5 लोगों के बहने की भी जानकारी
इसके साथ ही भारी बारिश के चलते नदियां भी रौद्र रूप में नजर आ रही हैं। हर तरफ तबाही सिर्फ तबाही का मंजर है। देहरादून से हिमाचल जाने वाले नेशनल हाइवे 72 पर नंदा की चौकी के पास मुख्य पुल टूट गया है, जिसकी वजह से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। वहीं टपकेस्वर महादेव मंदिर से निकल कर आने वाली तमसा नदी ने भी विकराल रूप ले लिया है, जिसकी चपेट में आने से 4 से 5 लोगों के बहने की जानकारी सामने आई है, जिनकी तलाश की जा रही है। वहीं चंद्रभागा नदी भी उफान पर है, जिसका पानी हाईवे तक आ गया है। चंद्रभागा नदी में तीन लोग फंसे हैं, जहां SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है और लोगों को बचाने की कवायद जारी है।
देहरादून में सोमवार से भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते देहरादून के निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। सड़कें तालाब बन गई हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने लोगों को नदी नालों से दूर रहने के लिए कहा है। देहरादून के डोईवाला में भी देर रात से हो रही बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। बाढ़ जैसे हालात यहां पैदा हो गए हैं और बाढ़ का पानी कई पुलों से होकर बह रहा है, जिस वजह से आवागमन ठप हो गया। डोईवाला के लाल तप्पड़ में देहरादून हरिद्वार हाईवे पुल भी जाखन नदी की बाढ़ में डूब गया। वहीं देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया है।
सीएम ने पुष्कर सिंह धामी घटना पर क्या कहा?
घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा कि वह खुद स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं और निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने लिखा, “देहरादून के सहस्त्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की दुखद जानकारी मिली है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। इस संबंध में लगातार स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
देहरादून के सहस्त्रधारा में देर रात हुई अतिवृष्टि से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
इस सम्बन्ध में निरंतर स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूँ और स्वयं स्थिति की…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 16, 2025
प्रधानमंत्री और मृह मंत्री ने ली जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड में अतिवृष्टि से हुई तबाही की जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में राज्य के साथ मजबूती से खड़ी है।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य में राहत कार्य और तेजी से संचालित होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तत्परता से सक्रिय है और बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा न हो और राहत सामग्री, सुरक्षित ठहराव, भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय हैं।