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कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने से दहशत में ग्रामीण

Cloudburst

Cloudburst

रुद्रप्रयाग। कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने (Cloudburst) की घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। यहां एक सप्ताह से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है, जबकि गुरुवार रात बादल फटने से कई परिवार खतरे की जद में आ गये हैं। इसके साथ ही कालीमठ-बेडुला-जग्गीबगवान मोटर मार्ग भी जगह-जगह ध्वस्त हो गया है। ऐसे में ग्रामीण परेशान हैं।

केदारघाटी में पिछले एक सप्ताह से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है। बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। केदारघाटी के कालीमठ क्षेत्र में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। यहां कई परिवार खतरे की जद में आ गये हैं। सड़क मार्ग जगह-जगह ध्वस्त हो गये हैं। इसके साथ ही पैदल मार्गों के भी ध्वस्त होने से लोगों को पैदल चलने की भी समस्या पैदा हो गयी है, जबकि सिंचित भूमि भी आपदा की भेंट चढ़ गयी है।

कालीमठ घाटी के ब्यूंखी में बादल फटने (Cloudburst) से कई परिवार खतरे की जद में आ गये हैं, जबकि क्षेत्र को जोड़ने वाला कालीमठ-जग्गी-बगवान मोटर मार्ग जगह-जगह आपदा की भेंट चढ़ चुका है। मोटर मार्ग के एक किमी से तीन किमी तक भारी तबाही मची है। इसके अलावा ग्रामीणों की गौशालाएं और मकान भी खतरे की जद में आ गये हैं।

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जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने बताया कि मूसलाधार बारिश के कारण केदारघाटी के कालीमठ और मदमहेश्वर घाटी में भारी नुकसान हुआ है। यहां कालीमठ घाटी अन्तर्गत कालीमठ-चौमासी, कालीमठ-बेडुला-जग्गीबगवान, ब्यूंखी-कुणझेठी के साथ ही मदमहेश्वर घाटी के अन्तर्गत ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग जगह-जगह ध्वस्त हो गया है। मदमहेश्वर व कालीमठ घाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीण लिंक मार्ग बंद पड़े हुए हैं। मार्गों के कई जगहों पर ध्वस्त हो जाने से क्षेत्र की जनता को मीलों की दूरी पैदल नापनी पड़ रही है।

राणा ने बताया कि केदारघाटी में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान हो रहा है। कई जगहों पर बादल फटने से आवासीय भवनों के साथ ही गौशालाएं खतरे की जद में आ गई हैं तो कई जगहों पर सड़क मार्ग पर पहाड़ी से मलबा आने और पुश्ते ध्वस्त होने से बंद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को कालीमठ और मदमहेश्वर घाटी की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से आपदाग्रस्त सड़कों के लिए विशेष पैकेज देने के साथ ही प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

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