उत्तराखंड में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। बारिश ने रूद्रप्रयाग के अलग-अलग इलाकों में भारी तबाही मचाई है। कहीं बादल फटा (Cloudburst) है तो कहीं भूस्खलन, कुदरत के इस कहर में कई घर और गाड़ियां जमींदोज हो गई हैं। वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेस्क्यू टीम भी समय पर नहीं पहुंची। अब भी इलाके में मूसलाधर बारिश हो रही है।
रुद्रप्रयाग के रूमशी गांव में बादल फट (Cloudburst) गया। जिससे गांव में बाढ़ जैसी स्थित आ गई। भारी बारिश और पहाड़े के दरकने से गांव वालों का घर मलबे में दब गया। लोगों ने घरों से बाहर भागकर अपनी जान बचाई। मलबे में घर और गाड़ियों के दबने से स्थानीय लोगों को लाखों का नुकसान हुआ है।
घरों से भागकर लोगों ने बचाई जान
देर रात को हुई मूसलाधार बारिश और आकाशीय बिजली की कडकडाहट से जहां पूरी केदारघाटी में तेज गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इस दौरान रूमशी भौसाला गांव के आस पास कई गॉव में भूस्खलन के चलते लोगों के घरो में मलबा भर गया। कई गाड़ियां इस मलबे में दब गयी। लोगों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी। घरों से भगते लोगों ने एक दुसरे को फोन कर बताया की बादल फट (Cloudburst) गया है। घरों पर मलबा आने लगा है, जिसके बाद गांव के लोगों ने घरों के निकलकर अपनी जान बचाई। इस सब के बाद पहाड़ी के निचले इलाके में भी तेज बारीश का कहर शुरू हुआ। इस दौरान अगस्त्यमुनी के नीचे मौजूद पेट्रोल पंप में भी पानी और मलबा भर गया।
ग्रामीणों ने बादल फटने (Cloudburst) और घरों को मलबे में दबे होने की सूचना आपदा कन्ट्रोल रूम को सूचना भेज दी। रेस्क्यू टीम के मौके पर नहीं पहुंच पाने से गांव वाले नाराज दिखें। जान का कोई नुकसान नहीं हुआ हैं लेकिन घरों और गाड़ियों को काफी छति हुई है।
आस-पास के इलाके में भी तबाही
रुद्रप्रयाग के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी तेज बारिश और भूस्खलन का कहर देखने को मिला। गौरीकुंड के समीप देर रात भूस्खलन के चलते बड़े-बड़े बोल्डर पैदल मार्ग पर आ गये जिससे केदरनाथ की ओर जाने वाला रास्ता भी परी तरह बंद हो गया। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है। भारी बारिश के चलते अलकनंदा समेत अन्य कई छोटी-बड़ी नदियां उफान पर है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों को नदी व जलधाराओं के ओर न जाने की अपील की है।