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नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आवंटित लक्ष्यों में की वृद्धि

CM Bhajanlal Sharma

CM Bhajanlal Sharma

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के सक्रिय प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राजस्थान के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के कम्पोनेन्ट-ए तथा सी के अंतर्गत आवंटन लक्ष्य में वृद्धि की है। इस निर्णय से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का वृहद स्तर पर कार्य किया जाएगा और किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी।

मुख्यमंत्री शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर पीएम-कुसुम योजना के कम्पोनेन्ट-ए के अंतर्गत आवंटित क्षमता के लक्ष्य 550 मेगावाट को बढ़ाने का अनुरोध किया था। शर्मा ने अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात कर इस संबंध में विस्तार से चर्चा की थी। इसी क्रम में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड को 1 हजार मेगावाट क्षमता का अतिरिक्त लक्ष्य आवंटन करने का आदेश जारी किया है। यह आवंटन पहले से स्वीकृत 550 मेगावाट के अतिरिक्त है।

साथ ही, मुख्यमंत्री (CM Bhajanlal Sharma) ने जोशी को पीएम-कुसुम योजना के कम्पोनेन्ट-सी (एफएलएस) के अंतर्गत आवंटन में वृद्धि करने का भी अनुरोध किया था। केन्द्रीय मंत्रालय ने इस अनुरोध पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रदेश को 1 लाख कृषि पम्प्स का अतिरिक्त आवंटन जारी किया है। यह आवंटन प्रदेश को पूर्व में जारी किए गए 2 लाख पम्प्स के अतिरिक्त है।

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पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत उक्त कम्पोनेन्ट में वृद्धि होने के परिणामस्वरूप प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य होगा। इससे किसानों को दिन के समय में भी पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी और उनका आर्थिक सशक्तीकरण भी होगा।

गौरतलब है कि पीएम-कुसुम योजना के अंतर्गत पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई थी। लेकिन गत आठ माह के अल्प कार्यकाल में मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम-कुसुम योजना का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है। उनके मार्गदर्शन में पीएम-कुसुम योजना कम्पोनेन्ट-ए के अंतर्गत 602 मेगावाट के पीपीए हस्ताक्षरित हो चुके हैं एवं 227 मेगावाट की क्षमता भी स्थापित हो चुकी है। इसके अतिरिक्त कम्पोनेन्ट-सी के अंतर्गत फीडर लेवल सोलराइजेशन (एफएलएस) में लगभग 4 हजार 500 मेगावाट के एलओआई जारी किए जा चुके हैं।

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