देहरादून। धामी सरकार (Dhami Government) औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देकर राज्य में विकास और रोजगार को धार देगी। आगामी दिसंबर माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (GIS-2023) के तैयारियों को लेकर गुरुवार को सलाहकार समूह की बैठक में इसकी रूप रेखा पर चर्चा की गई। इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से भी सुझाव लिये गये। इस बार सरकार राज्य ने 2।5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य लिया है।
सुभाष रोड स्थित एक होटल में आज उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के लिए नीतिगत आधार और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए गठित मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक हुई। इसमें उत्तराखंड में निवेश के लिए फ्रेंडली माहौल तैयार करने की रूप रेखा पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आगामी दिसंबर माह में प्रस्तावित है। राज्य में औद्योगिक निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए आगामी कार्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रदेश में निवेश को अधिक से प्रोत्साहन के लिए और क्या बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिये गये। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मिले सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उनको कार्यरूप में लेने को कहा।
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि इन्वेस्टर समिट होने तक राज्य में निवेश की अच्छी ग्राउंडिंग की जाएगी। इसके लिए नीतियों का सरलीकरण के साथ उन पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं, इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जायेगी। इस इन्वेस्टर समिट के देहारादून में होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री धामी (CM Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे उद्योग जगत से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद हो रहे हैं। विभिन्न बैठकों में निवेशकों की ओर से उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकार के प्रयासों और उद्यमियों की लगन,फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में शामिल होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है।
रोजगार के संसाधन बढ़ेंगे तो पलायन भी रुकेगा
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि इस बार राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2018 में हुई इन्वेस्टर्स समिट से दोगुना निवेश पाने का है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। एमओयू के साथ-साथ हाईड्रो, पर्यटन, शिक्षा, सोलर जैसे क्षेत्रों में निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में बाहरी राज्यों और देश-विदेश से निवेश लाने के लिए रोड शो सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेंगे ओर पलायन भी रुकेगा।
निवेशकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने को सरकार प्रयासरत
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, राज्य में निवेशकों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार बेहतर प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध हैं। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता है, उसके बारे में बताएं। राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं करेगी।
राज्य में सड़क,रेल और हवाई का तेजी से हुआ विस्तार –
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क,रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। प्रधानमंत्री के प्रारम्भ किये गये मेक इन इण्डिया और पीएम। गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखंड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृतकाल में उत्तराखंड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है।
उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा –
मुख्यमंत्री (CM Dhami) ने कहा कि राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रखकर अपनी नीतियां बनाई हैं और यही कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है। औद्योगिक विकास के बैक बोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गयी हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आईसीडी की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर, कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार उत्तराखंड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी।
बैठक में मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ। धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल और सौरभ बहुगुणा ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव दिये।
निवेशकों की ओर से राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिये गये। बैठक में औषधीय पादपों को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने,उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमतियां प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक बनाने के सुझाव प्राप्त हुए।
उत्तराखंड की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का है यह प्रयास : आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राज्य के समृद्धि और लोगों के विकास के लिए उत्तराखंड की क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का यह प्रयास है। मुख्यमंत्री ने पूरी तन्मयता और गंभीरता से विषयों को बैठक में सुना है। उत्तराखंड निवेश के लिए अच्छा प्रदेश है। इसमें बनी योजना से देश ही नहीं विश्व के उद्योग लगाने वाले लोगों की नजर और कदम उत्तराखंड की ओर बढ़ेंगे। सरकार ने बेहतरीन लक्ष्य रखा और हम भी प्रयास करेंगे लक्ष्य से ज्यादा कार्य करने के लिए।
इस दौरान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए शांत वातावरण होना चाहिए। सरकार ने ऐसे शांत वातावरण और बेहतर माहौल के साथ उद्योग को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है।
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मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। देश के विभिन्न शहरों में इन्वेस्टर्स सम्मिट के तहत रोड शो का आयोजन किया जाएगा। विदेशों में भी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि राज्य सरकार अपने तय किए गए लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
इस मौके पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो।दुर्गेश पंत,औद्योगिक जगत से पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, सुभाष त्यागी, आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रुड़की से प्रो. कमल किशोर पंत,चेयरमैन ग्राफीक एरा कमल घनशाला, अनिल गोयल,विजय धस्माना, डॉ. एस. फारूक, मुकुन्द प्रसाद, पंकज गुप्ता और औद्योगिक जगत से जुडे़ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।