देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने 526 करोड़ वाह्य सहायतित जायका परियोजना का मंगलवार को मुख्य सेवक सदन में शुभारंभ करते हुए कहा कि यह योजना प्रदेश के विकास में मिल का पत्थर साबित होगी।
उद्यान विभाग की ओर से मंगलवार को मुख्यसेवक सदन में वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इस मौके पर कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी, मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सहित जापान जायका के प्रतिनिधि ओर विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से प्रदेश में वानिकी, औद्यानिकी को बढ़ावा मिलेगा। यह योजना राज्य के लिए मिल का पत्थर साबित होगी।
मंत्री जोशी ने कहा कि जायका परियोजना के क्रियान्वयन से एकीकृत बागवानी को बढ़ावा देकर कृषकों की आय वृद्धि एवं राज्य की आर्थिकी में विशेष योगदान मिलेगा, जो कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में भी सहायक होगा। कोई भी योजना बनाई जाए उसके लिए किसानों की राय भी ली जाएगी। शीघ्र ही जायका परियोजना सभी जनपदों में भी लागू की जायेगी। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने जापान से पहुंचे जायका के प्रतिनिधियों को पहाड़ी टोपी ओर केदारनाथ मंदिर की मूर्ति का स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा आज मुख्यमंत्री के निर्देशन में जायका परियोजना का शुभारम्भ करने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत देय राजसहायता की धनराशि में भी वृद्धि की जा रही है। वर्तमान में उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के अन्तर्गत आच्छादित 2.97 लाख हैक्टयर क्षेत्रफल में 17.72 लाख मैट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है। सशक्त उत्तराखण्ड /25 के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 तक औद्यानिकी के अन्तर्गत 3.45 लाख है. क्षेत्रफल में 22.517 लाख मै.टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री जोशी ने कहा कि बागवानी के समग्र विकास के िलए जापान के सहयोग से बाह्य सहायतित परियोजना जायका योजनान्तर्गत 251.71 करोड़ के प्रस्तावित परिव्यय में विशेष प्रयासों के फलस्वरूप दोगुना से अधिक वृद्धि करते हुए 526.00 करोड़ स्वीकृत कराया गया है।
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इसके लिए जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी (जायका) के वित्तीय सहयोग से यह परियोजना प्रदेश के 04 जनपदों (टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल) में संचालित की जायेगी। इसके अन्तर्गत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर इनके प्रभावों को कम करने के लिए जलवायु के अनुरूप औद्यानिक फसलों एवं तकनीकों का समावेश करते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।
मंत्री ने कहा परियोजना में औद्यानिकी से सम्बन्धित महत्वपूर्ण घटकों को सम्मिलित करते हुए कास्तकारों को 80 प्रतिशत तक राजसहायता से लाभान्वित करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही परियोजना में कीवी को गेम चेजिंग फसल के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिससे कास्तकारों की आय में दोगुना से अधिक वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतवर्ष में कीवी के आयात को भी कम किया जा सकेगा।
इस मौके पर सीनियर रिप्रेजेंटेटिव जायका इंडिया जून वातानाबे, रिप्रेजेंटेटिव जायका मारिया कोटा, प्रिंसिपल डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट जायका अनुराग सिंह, सचिव बी.वी.पुरुषोत्तम, निदेशक उद्यान एचएस बवेजा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।