बारपेटा। असम में बाढ़ की स्थिति (Assam Floods) लगातार गंभीर बनी हुई है, जहां इस प्राकृतिक आपदा में चार और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही असम में इस साल बाढ़ तथा भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 122 पर पहुंच गई है। राज्य में बाढ़ के कहर के बीच मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा (CM Hemant Biswa Sarma) नाव में सवार होकर प्रभावित लोगों के पास पहुंचे और उनका हालचाल जाना। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जहां वह लोगों को मदद का आश्वासन दे रहे हैं। राज्य में अब तक 25.10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि कछार जिले का सिलचर शहर छठे दिन भी जलमग्न रहा।
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma visited the flood affected Barak valley area where a resident braved flood waters to greet him with a ‘Gamusa’ pic.twitter.com/VOvQayYBoo
— ANI (@ANI) June 26, 2022
इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में बारपेटा, कछार, दर्रांग और गोलाघाट जिलों के लोग शामिल हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 27 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या अब घटकर 25.10 लाख रह गई है, जबकि शुक्रवार तक 28 जिलों में यह आंकड़ा 33.03 लाख था।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ जिलों में स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। नदियों का जल स्तर कुछ हद तक कम हुआ है। हालांकि, धुबरी में ब्रह्मपुत्र और नगांव में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि बेटकुंडी में बांध टूटने के कारण पिछले छह दिनों से जलमग्न सिलचर शहर में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास चल रहे हैं और प्रशासन बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने को प्राथमिकता देने के साथ सिलचर में बचाव अभियान चला रहा है।
सियासी जंग में अब उद्धव ठाकरे की पत्नी ने संभाला मोर्चा, कर रही हैं ये काम
उन्होंने कहा कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट, पीने के पानी की बोतलें और अन्य जरूरी चीजें शहर में वितरित की जा रही हैं तथा यह कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए सिलचर में दो ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। सिलचर में ईटानगर और भुवनेश्वर से पहुंचे 207 कर्मियों के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के आठ दलों तथा 120 कर्मियों वाली एक सैन्य टुकड़ी को तैनात करने के साथ दीमापुर से लाई गईं नौ नौकाओं को भी उतारा गया है। एएसडीएमए के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के 10 जवान और एसडीआरएफ के चार कर्मियों को बचाव अभियानों के लिए हवाई मार्ग से कछार लाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि सिलचर में लगभग तीन लाख लोग भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं। एएसडीएमए बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिला बारपेटा है, जहां 8,76,842 लोग प्रभवित हुए हैं। इसके बाद नगांव (5,08,475), कामरूप (4,01,512) और धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं।
इसमें कहा गया है कि बाढ़ से 93 राजस्व मंडल और 3,510 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 2,65,788 लोगों ने 717 राहत शिविरों में शरण ली है। शिविरों में शरण नहीं लेने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 409 राहत केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई। एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान 40 मकान पूरी तरह तथा 582 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, हैलाकांडी और कामरूप सहित कई स्थानों से बड़े पैमाने पर भूस्खलन की सूचना मिली है।