लखनऊ। इस साल 15 अगस्त को आजाद भारत के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार स्वतंत्रता दिवस (Azadi Ka Amrit Mahotsav ) को बड़े उत्साह के साथ मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस विशेष दिन के दिव्य-भव्य उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। हर घर तिरंगा सहित तमाम कार्यक्रम, स्वतंत्रता सप्ताह (11-17 अगस्त) के रूप में आयोजित किए जा रहे हैं।
यादगार होगा मुख्य समारोह
लखनऊ में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के आयोजन को और भी यादगार बनाने के लिए राज्य के पद्म पुरस्कार विजेताओं को पहली बार आमंत्रित किया जा रहा है। इसमें उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन तथा शहीद सैनिकों के परिजनों के साथ मुख्य समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने अधिकारियों को विशेष रूप से कहा है।
भारत की संस्कृति और उपलब्धियों का सम्मान
इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस विशेष है क्योंकि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (Azadi Ka Amrit Mahotsav ) मना रहा है। सरकार की पहल पर देश की आजादी के 75 साल और इसकी संस्कृति, लोगों और उपलब्धियों के शानदार इतिहास का सम्मान और जश्न मनाया जा रहा है।
इन पद्म विभूतियों को भेजा जाएगा निमंत्रण
योगी सरकार स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पद्म पुरस्कार से सम्मानित विभूतियों को आमंत्रित करेगी। इसके लिये तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। बता दें कि यूपी के कुल 14 विभूतियों को 2021 के पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें दो विभूतियां दिवंगत हो चुकी हैं, जबकि 12 विभूतियों को सरकार मुख्य समारोह में ससम्मान आमंत्रित करेगी। इनमें पद्म भूषण से सम्मानित राशिद खान (कला), वशिष्ठ त्रिपाठी (साहित्य एवं शिक्षा) को आमंत्रित किया जाएगा। वहीं पद्मश्री से सम्मानित कामलिनी अस्थाना एवं नलिनी अस्थाना (कला), शिवनाथ मिश्रा (कला), शीशराम (कला), सेठ पाल सिंह (कृषि), विद्या विंदु सिंह (साहित्य एवं शिक्षा), शिवानंद बाबा (योग), अजय कुमार सोनकर (विज्ञान एवं तकनीक), अजिता श्रीवास्तव (कला), डॉ कमलाकर त्रिपाठी (औषधि) को भी आमंत्रण भेजा जाएगा।
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इन दो विभूतियों को मरणोपरांत मिला है पद्म सम्मान
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के राधेश्याम खेमका (साहित्य एवं शिक्षा) तथा कल्याण सिंह (सार्वजनिक जीवन) को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 2021 में 4 विभूतियों को पद्म विभूषण, 17 विभूतियों को पद्म भूषण तथा 107 विभूतियों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इनमें यूपी से कुल 14 विभूतियों को अलग अलग श्रेणी में पद्म सम्मानों से नवाजा गया।
यूपी के सांस्कृतिक गौरव की 75 हस्तियां भी रहेंगी मौजूद
उत्सव की मुख्य विशेषताओं में से एक यह भी है कि यूपी की विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों से संबंधित प्रत्येक वर्ग के 75 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें लोक कलाकार, आदिवासी समूह और विभिन्न समुदाय शामिल होंगे जो उत्तर प्रदेश की विविध संस्कृति को अपनी पारंपरिक पोशाक में प्रदर्शित करेंगे। कुल मिलाकर, 75 विभिन्न समूहों के 75 व्यक्ति राज्य की समृद्धि का चित्रण करेंगे। इसके अलावा, बीसी सखियां, कारखानों के कर्मचारी, किसान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित 16 ट्रेडों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग भी इस आयोजन का हिस्सा होंगे।