सोमवार से आम जनता के लिए कोरोना टीकाकरण की शुरूआत हो गई है। इसके लिए 60 साल से ज्यादा और 45 साल से अधिक उम्र के गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग पात्र होंगे।
टीकाकरण के लिए को-विन 2.0 पोर्टल और आरोग्य सेतु पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए निजी अस्पतालों में प्रत्येक खुराक के लिए 250 रुपये देने होंगे। जबकि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में टीका लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कोरोना की वैक्सीन ली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी केंद्र पर कोरोना का टीका लगवा सकता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सुबह 9 बजे से बजे से दोपहर तीन बजे तक चलेगी। मंत्रालय के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाता है तो वह सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके लिए आपको आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की फोटोयुक्त पासबुक समेत सरकार से अप्रूव किए गए 12 पहचान पत्र में से कोई भी दिखा सकते हैं।
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बीहार के सीएम नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज़ ली है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने वैक्सीन लगवाने के सवाल पर कहा कि मेरी उम्र 70 साल से ऊपर है। आपको इसे उन युवाओं को देना चाहिए, जिनके पास लंबा जीवन है। मेरे पास जीने के लिए 10-15 और साल हैं।
मुंबई के बीकेसी जंबो कोविड सेंटर पर 60 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष से अधिक उम्र के कोमोरबिडिटी वाले लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जा रही है। समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक टीकाकरण का समय है। इसके तहत आज 2500 लोगों को टीका लगाने की तैयारी है। वहीं, मध्य प्रदेश में भी 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है।
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को-विन पर टीका केंद्रों का पूर्व पंजीकरण जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने को-विन2.0 को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि आम लोगों के लिए पंजीकरण शुरू होने से पहले सभी राज्य और जिला प्रशासन के लिए को-विन2.0 पोर्टल पर अपने यहां के कोरोना टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) का पंजीकरण कराना जरूरी है, ताकि लाभार्थियों की इनके बारे में जानकारी मिल सके। इसमें यह भी कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपलब्ध टीके के मुताबिक, लाभार्थियों की संख्या तय कर सकते हैं।