उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय में संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा संस्कृत भाषा के प्रति उनका लगाव बाल्यकाल से ही रहा है,वह हमेशा अपने दिन की शुरुआत यज्ञ हवन से करते हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया शिक्षा के बारे में जानती नहीं थी, तब तक्षशिला और नालन्दा जैसे विश्वविद्यालयों ने विश्व को ज्ञान देने का महनीय कार्य किया। संस्कृत भाषा ने सभी भाषाओं को पैदा किया है। संस्कृत हमें और हमारे बच्चों को सीखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षा में 1200 रिक्त सभी पदों को जल्द भरा जाएगा। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति सभी शिक्षकों, कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में जो कार्य हो रहे हैं वह अतुलनीय हैं, उन्होंने कहा 21 वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा, 2025 तक उत्तराखंड 25 वर्ष का युवा राज्य बनकर देश के हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य की सूची में प्रथम स्थान पर अपना नाम दर्ज करेगा।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि संस्कृत का छात्र हृदय से सरल और मन से कोमल होता है,संस्कृत से पढ़ा हुआ छात्र राष्ट्रप्रेमी होने के साथ ही विश्व कल्याण की दृष्टि रखता है इसलिए संस्कृत के छात्रों को कभी हताश निराश नहीं होना चाहिए। संस्कृत के विद्वान इस विश्वविद्यालय से निकलेंगे यह मैं विश्वास से कहता हूं।
स्वामी ने कहा यह प्रदेश युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे पूर्व रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों कर्मचारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए मुख्यमंत्री से सातवें वेतन के एरियर का भुगतान करने की बात कही। कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने संस्कृत विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए स्वागत भाषण किया।
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कुलपति ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। संस्कृत शिक्षा सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी ने संस्कृत शिक्षा से जुड़े हुए उल्लेखनीय कार्यों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि महाविद्यालयों के वर्गीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है ,अब जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिलनी शेष है।
कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने विश्वविद्यालय की ओर से मुख्यमंत्री सहित अभी अतिथियों का आभार प्रकट कर धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पूर्व वेद के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार मिश्र ने मंगलाचरण से कार्यक्रम की शुरुआत की।कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रकाश चंद्र पंत ने किया। इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री, वित्त नियंत्रक हिमानी स्नेही , उपकुलसचिव दिनेश कुमार ,संस्कृत विश्वविद्यालय कार्य परिषद के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री, विश्वविद्यालय के आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य, सह पुस्तकालयाध्यक्ष, शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।