इंदौर। मध्यप्रदेश में “एक समान नागरिक संहिता” (Uniform Civil Code) लागू करने शिवराज सरकार कमेटी बनाएगी। इस बाबत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत में अब एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। बड़वानी के सेंधवा में मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj ) ने कहा कि कई बार बड़े खेल हो जाते हैं। खुद जमीन नहीं ले सकते तो किसी आदिवासी के नाम से जमीन ले ली जाती है। कई बदमाश ऐसे भी आ गए हैं जो आदिवासी बेटी से शादी करके जमीन उसके नाम से ले लेते हैं।
बड़वानी के सेंधवा पहुंचे शिवराज सिंह (CM Shivraj ) ने कहा कि आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूं। बेटी से शादी की और जमीन ले ली। मैं तो इस बात का पक्षधर हूं कि भारत में अब समय आ गया है कि एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक से ज्यादा शादी क्यों करें? कोई एक देश में दो विधान क्यों चले? नियम एक ही होना चाहिए।
उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में भी मैं कमेटी बना रहा हूं। समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए।
गुजरात और उत्तराखंड में हो चुकी है घोषणा
बता दें कि इससे पहले गुजरात में भी अक्टूबर माह में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया गया था। इसे गुजरात चुनाव से जोड़कर भी देखा गया था। वहीं उत्तराखंड में भी चुनाव से समान नागरिक संहिता करने की घोषणा की गई थी। सरकार बनने के बाद इसे लागू किया गया था।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
कानून की नजर में सब एक समान होते हैं। जाति हो या धर्म। आप पुरुष हों या महिला, कानून सबके लिए बराबर है। शादी, तलाक, एडॉप्शन, उत्तराधिकार, विरासत। लेकिन सबसे बढ़कर लैंगिक समानता वो कारण है, जिस वजह से यूनिफार्म सिविल कोड की आवश्यकता महसूस की जाती रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम। इसका अर्थ है- भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों ना हो। समान नागरिक संहिता जिस राज्य में लागू की जाएगी- वहां, शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।