उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हरिद्वार में कुंभ कार्यो के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते उनकी जुबान एक बार फिर से फिसल गई। उन्होंने कह दिया कि बनारस में भी कुंभ आयोजित किया जाता है। तीरथ सिंह रावत हरिद्वार में कुंभ होने की बात कहते-कहते ये भी बोल गए कि कुंभ बनारस में होता है और उज्जैन में होता है।
दरअसल, मुख्यमंत्री रावत मंगलवार को कुंभ क्षेत्र में सिंचाई, गृह विभाग, परिवहन निगम आदि की विभिन्न योजनाओं के कुल 31 कार्यों का लोकार्पण करने के लिए हरिद्वार आये थे। यहां वह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी उनकी जुबान फिसल गई।
तीरथ रावत ने जोर देते हुए कहा, “मैंने जैसे कहा कि महाकुंभ 12 साल में आता है हर साल नहीं आता है। मेले जगह-जगह होते हैं, कहीं भी हो सकते हैं लेकिन कुंभ हरिद्वार में ही होता है 12 साल में होता है। बनारस में होता है, उज्जैन में होता है। इसीलिए यह भव्य दिव्य होना चाहिए।” बता दें कि सही मायने में कुंभ हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है।
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गौरतलब है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का विवादित बयानों से मानो करीब का नाता होता जा रहा है। आइये जानते हैं उनके अब तक के ऐसे बयान, जिन्होंने उनकी खूब किरकिरी कराई।
तीरथ सिंह रावत का जींस पर दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं फटी जींस पहनती हैं, जिससे कहीं न कहीं संस्कृति ख़तरे में पड़ जाती है। उन्होंने अपने इसी बयान का जिक्र करते हुए अपनी हवाई यात्रा की एक घटना सुनाई थी। जिस पर पूरे देश मे उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ा था। इसी बयान को लेकर मुख्यमंत्री ने देश की सभी महिलाओं से माफी मांगी थी।
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वहीं अपने कॉलेज के दिनों को बताते हुए जब उन्होंने एक महिला के छोटे कपड़ों पर टिप्पणी की थी, तब भी उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। रावत ने यह भी कहा था कि महिलाओं को अपने फटे कपड़े पहनने में अगर शर्म नहीं आती तो जैसे मर्ज़ी घूमें हमें क्या।
यही नहीं हाल ही में तीरथ सिंह रावत ने भारत को 200 साल तक अमेरिका का ग़ुलाम बता दिया था। लॉकडाउन के दौरान राशन को लेकर उन्होंने कहा था कि जैसा चावल और राशन बीजेपी सरकारों ने दिया उतना अच्छा राशन कभी जनता ने खाया नहीं होगा। इस बयान पर भी उनकी खूब किरकिरी हुई थी।
बीते दिनों उन्होंने कहा था कि कम राशन मिलने वालों को जलने की बजाय ज्यादा बच्चे (20 बच्चे) पैदा करने चाहिये थे, ताकि उन परिवारों को भी ज्यादा राशन कोविड काल के दौरान मिल जाता।