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सीएम साय ने बिजली विभाग काे एक हजार कराेड़ अनुदान देकर राेकी वृद्धि दर

CM Vishnudev Sai

CM Vishnudev Sai

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली दरों में राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) द्वारा जो एक हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है । उसकी सराहना करते हुए प्रदेश के अनेक उपभोक्ता संरक्षण, औद्योगिक तथा महिला संगठनों ने साय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया है।

मुख्यमंत्री साय (CM Vishnudev Sai) को प्रेषित पत्र में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उपभोक्ता संरक्षण परिषद के अध्यक्ष मोहन एंटी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा 1 जून 2024 को प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जो बिजली की नई दरें घोषित की गई है उसमें आपके द्वारा दी गई राहत की बहुत ही विशेष भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि विरासत में नई सरकार को 4 हजार 420 करोड़ रुपये का घाटा तोहफे के रूप में मिला था, यदि उस आधार पर नई बिजली दरें घोषित की जाती तो लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित थी। पत्र में कहा गया है, यह हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश में आपके जैसा सरल, सौम्य, संवेदनशील लेकिन अपने निर्णयों में सुदृढ़ मुख्यमंत्री मिला है। जो 21 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित थी वह आपकी संवेदनशीलता की वजह से ही सभी श्रेणियों में औसतन 8.35 प्रतिशत पर आकर थम गई। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तो आपका निर्णय वरदान ही साबित हुआ है।

आपने एक ओर जहां हॉफ बिजली बिल योजना को जारी रखते हुए अपने वार्षिक बजट में इसका प्रावधान कर दिया है वहीं दूसरी ओर घरेलू और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में मात्र 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है जो कि नगण्य है तथा एफोर्डेबल है। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आपने राज्य शासन की ओर से 1000 करोड़ रुपये का जो अनुदान स्वीकृत किया है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम होगी। यह राहत वास्तव में प्रदेश की गरीब एवं मध्यम वर्गीय जनता के लिए बहुत बड़ा आर्थिक संबल साबित होगी।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उपभोक्ता महासंघ के अध्यक्ष श्याम काबरा ने कहा है कि राज्य की विष्णुदेव साय सरकार के हस्तक्षेप से उपभोक्ताओं को बिजली का बड़ा झटका लगने से बच गया। वितरण कंपनी ने 4420 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुमानित किया था। जिसे परीक्षण के बाद आयोग ने 2819 करोड़ रुपये मान्य किया। इसमें भी 1 हजार करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा करने का निर्णय लिया गया। इस तरह बिजली दर में 8.5 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई। सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति नहीं किए जाने की स्थिति में 20.45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी।

नवचेतन जनकल्याण एवं महिला उत्थान समिति की सचिव स्वाति कश्यप ने मुख्यमंत्री साय को पत्र भेजकर कहा है कि हम प्रदेश की समस्त महिलाओं की ओर से आपका हार्दिक अभिनंदन करते हैं। मातृवंदन योजना के रूप में आपने प्रदेश की मातृशक्ति को जो संबल दिया है उसकी हम मुक्तकंठ से सराहना करते है। इसी तरह प्रदेश में बिजली की दरें अगर 21 प्रतिशत बढ़ जाती तो उसका सर्वाधिक असर महिलाओं पर ही पड़ता। पूर्व सरकार की कुनीतियों का खामियाजा प्रदेश की नारीशक्ति को भुगतना पड़ता।

पत्र में कहा गया है कि हम भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के प्रति साधुवाद व्यक्त करते है कि उसने आपके जैसे संवेदनशील व्यक्ति को प्रदेश सरकार की कमान सौंपी है। आपकी कार्यप्रणाली और रीति-नीति के कारण प्रदेश में विद्युत विकास के नये कीर्तिमान बनने भी शुरू हो गये है। हमें विश्वास है कि आप जनहितकारी योजनाओं के सिलसिले को लगातार आगे बढ़ाएंगे। स्वदेशी जागरण मंच की मंजरी बख्शी, अमेटी कॉलेज की प्रोफेसर श्रद्धा मिश्रा आदि ने मुख्यमंत्री साय के इस निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि बिजली दरों का संतुलन बनाए रखने के लिए 1000 करोड़ रुपये का अनुदान देकर मुख्यमंत्री श्री साय ने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस उपाय से एक ओर जहां विद्युत कंपनी और विद्युत नियामक आयोग को स्वायत्तता के साथ कार्य करने की स्थिति बनी रहेगी, वहीं दूसरी ओर आम उपभोक्ताओं को शासन की ओर से राहत भी मिल सकेगी।

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