Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

उत्तर भारत में स्वास्थ्य के मानक और मेडिकल एजुकेशन के स्टैंडर्ड तय कर रहा एसजीपीजीआई: सीएम

CM Yogi attended the 41st foundation day celebrations of SGPGI

CM Yogi attended the 41st foundation day celebrations of SGPGI

लखनऊ। आज एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में स्वास्थ्य के मानक और मेडिकल एजुकेशन के स्टैंडर्ड को तय कर रहा है। बिना किसी शोरगुल के अपनी इस यात्रा को ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है। वर्तमान में पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। अब इससे आगे बढ़कर एआई का इस्तेमाल कर पेशेंट को सुविधा देने की दिशा में पीजीआई केंद्र के रूप में स्थापित होगा। यह पीजीआई की नई ऊंचाइयों को दर्शाता है। पीजीआई में वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 पेशेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 48,600 पेंशेट का इलाज किया गया। वहीं 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किये गये जबकि 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोनमेरो ट्रांसप्लांट, 1 लिवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी की गयी। यह पीजीआई की सफलता को दर्शाता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 41 वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं। इस दौरान सीएम योगी ने संस्थान की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। साथ ही फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया।

अगले 5 वर्ष एसजीपीआई के लिए बेहद महत्वपूर्ण: सीएम योगी (CM Yogi) 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि पीजीआई ने पिछले 7 वर्षों में समय के प्रवाह के साथ अपनी स्पीड को बढ़ाया है। वहीं अगले 5 वर्ष संस्थान के लिए और भी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। आज यहां पर वह डिपार्टमेंट खुल रहे हैं, जिनके बारे में कोई सोचता तक नहीं था। संस्थान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर काम कर रहा है। संस्थान में जो कुछ भी नया हो सकता है, उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा। देश का यह पहला संस्थान है, जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं। इसके जरिये सलोनी हार्ट फाउंडेशन द्वारा बच्चों को हार्ट सर्जरी कर उनका नया जीवन प्रदान किया जा रहा है। सीएसआर फंड से सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ रैन बसेरा का भी निर्माण किया जा रहा है। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि हर मरीज चाहता है कि उसे अच्छी सुविधा मिले। ऐसे में हमारे डॉक्टर्स को अपनी स्पीड तीन गुना बढ़ानी होगी। इसके लिए सरकार हर संसाधन उपलब्ध कराएगी। सीएम योगी ने कहा कि जब कोरोना वायरस यूपी में आया तब प्रदेश में सर्वे कराया गया। उस दौरान 36 ऐसे जनपद थे, जहां आईसीयू के बेड नहीं थे। तब यहां के निदेशक के सुझाव पर टेली आईसीयू की सुविधा शुरू की गयी। इसके जरिये सभी जनपदों में हजारों लोगों की जान को बचायी गयी। वह एक शुरुआत थी, आज 6 मेडिकल कॉलेज पहले चरण में इससे जुड़ गये हैं। वहीं आने वाले समय में सभी मेडिकल कॉलेज को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। हैं प्रदेश के अंदर आने मेडिकल कॉलेज को भी इसके साथ जोड़ने की तैयारी हो रही है

एक वर्ष में खुले गये 18 मेडिकल कॉलेज, 1947 से 2017 तक थे केवल 12 मेडिकल कॉलेज

सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि प्रदेश में 1947 से लेकर के 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज ही खोले गए। वहीं अकेले इस वर्ष 13 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया गया, जिसमें एडमिशन हुए हैं। इसके अलावा तीन गवर्नमेंट पीपीपी मोड और दो अन्य प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालित हुए हैं यानी कुल 18 मेडिकल कॉलेज इस वर्ष खुले हैं। प्रदेश में हमारी सरकार 65 जनपद में मेडिकल कॉलेज खोल चुकी है, हर जिले में फ्री डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा ब्लड बैंक के साथ ब्लड सेपरेटर यूनिट भी स्थापित की गई हैं।

प्रदेश में हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में आज 9 करोड़ से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। वहीं सवा 5 लाख से अधिक लोगों को अभी हाल में ही गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक बुजुर्ग को फ्री में प्रति वर्ष 5 लाख रुपए की स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया है। ऐसे में वह आयुष्मान वयं वंदना योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं। सीएम ने कहा कि अकेले होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल को एक वर्ष में 21,000 पेशेंट के लिए 73 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पैसे के अभाव में किसी गरीब के इलाज में रुकावट नहीं आने दे रही है।

श्रीअन्न की खेती करने वाले किसानों को मालामाल कर रही योगी सरकार

सरकारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ उन्हें धनराशि उपलब्ध करा रही है। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारर्थी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान, गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने आदि उपस्थित थे।

Exit mobile version