• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न्यायिक व्यवस्था सुगम और त्वरित होना जरूरी- सीएम योगी

Writer D by Writer D
23/08/2025
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, राजनीति, लखनऊ
0
CM Yogi attended the 42nd session of UP Judicial Service Association

CM Yogi attended the 42nd session of UP Judicial Service Association

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है, जब हमारी न्यायिक व्यवस्था सुगम, त्वरित और सुलभ हो। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण आवश्यक है और इसके लिए एक मजबूत और त्वरित न्यायिक व्यवस्था अनिवार्य है। सीएम योगी शनिवार को उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। लखनऊ में आयोजित इस भव्य सम्मेलन में सीएम योगी (CM Yogi) ने न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए न्यायपालिका को सुशासन का रक्षक बताया और कहा कि इसके सुदृढ़ीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर सीएम ने संघ की स्मारिका का अनावरण भी किया। इस दौरान सीएम योगी ने न्यायिक सेवा संघ के लिए 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड देने की घोषणा भी की।

न्यायिक अधिकारियों का महाकुंभ एकता और दक्षता का प्रतीक- सीएम योगी

सीएम योगी (CM Yogi) ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के 42वें अधिवेशन को ‘न्यायिक अधिकारियों का महाकुंभ’ बताते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल एकता और परस्पर सहयोग का प्रतीक है, बल्कि व्यावसायिक दक्षता और बेस्ट प्रैक्टिस को बढ़ावा देने का भी मंच है। सीएम ने इस अवसर पर सभी उपस्थित न्यायमूर्तियों, अवकाश प्राप्त न्यायमूर्तियों और प्रदेश भर से आए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अधिवेशन ऐसे समय में आयोजित हुआ, जब भारत अपने संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रवेश कर चुका है। सीएम ने कहा कि संविधान की मूल थीम ‘न्याय, स्वतंत्रता और बंधुता’ इस आयोजन का आधार है। उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह महाकुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, उसी तरह यह अधिवेशन न्यायिक अधिकारियों की एकता और उनकी पेशेवर दक्षता को प्रदर्शित करता है।

देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश का गौरव है- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने गर्व के साथ कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय मौजूद है। प्रयागराज में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ और लखनऊ में इसकी बेंच प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। यह न केवल हमारे लिए, बल्कि देश और दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की छवि को विश्वास के रूप में प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि 102 वर्षों के अपने इस इतिहास में उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है और मुझे विश्वास है कि यहां मौजूद सभी न्यायिक अधिकारी न केवल न्यायिक सेवा से जुड़े हुए हैं बल्कि, परस्पर सहयोग, एकता और व्यावसायिक दक्षता का भी एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने में सफल होंगे।

एक वर्ष में 72 लाख मामलों का निस्तारण बड़ी उपलब्धि है- सीएम योगी

सीएम योगी (CM Yogi) ने जोर देकर कहा कि सुशासन का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकता है, जब न्यायिक व्यवस्था समयबद्ध, सस्ती और सुलभ हो। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में जनपद और ट्रायल कोर्ट में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ, जो एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी भी 1.15 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं, जो एक चुनौती है। सीएम योगी ने कहा कि हमारी गति जितनी तेज होगी, आम जनमानस में विश्वास उतना ही मजबूत होगा। इसके लिए सरकार हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार है।

सीएम (CM Yogi) ने नए आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के लागू होने का उल्लेख किया, जो 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हुए। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक आशंकाओं के बावजूद, न्यायिक अधिकारियों ने इन्हें तत्परता से लागू किया, जिससे ये कानून दंड पर आधारित न होकर न्याय की सुदृढ़ व्यवस्था पर केंद्रित साबित हुए। सीएम योगी ने विश्वास जताते हुए कहा कि ये कानून भारत की न्यायपालिका और लोकतंत्र को और मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे।

सीएम योगी ने न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों का विस्तार से किया उल्लेख

मुख्यमंत्री vने योगी सरकार द्वारा न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने उच्च न्यायालय के लिए आवासीय और अन्य सुविधाओं के लिए व्यापक धनराशि स्वीकृत की है। इसमें प्रयागराज में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों के आवास के लिए निर्माण 62.41 करोड़ रुपये, लखनऊ बेंच के लिए 117 करोड़ रुपये। उच्च न्यायालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए: 99 करोड़ रुपये। प्रयागराज में 896 आवासीय इकाइयों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति। वाणिज्यिक खंड के निर्माण के लिए 112.06 करोड़ रुपये। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हेरिटेज भवन के रखरखाव के लिए: 44.91 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति प्रमुख हैं। इसके अलावा, सरकार ने 10 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोर्ट परिसर की स्थापना के लिए 1,645 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, जिनमें से 6 जनपदों में कार्य शुरू हो चुका है। ये परिसर जनपद न्यायालयों, मोटर दुर्घटना दावों, परिवार न्यायालयों और वाणिज्यिक अदालतों को एकीकृत सुविधा प्रदान करेंगे।

महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों पर सख्ती

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि 381 पॉक्सो और फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार के सहयोग से कोर्ट रूम और आवासीय निर्माण के लिए 2023-24 में 148 करोड़, 2024-25 में 239 करोड़ और 2025-26 में 75 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की गई है।

डिजिटल और आधुनिक तकनीक का उपयोग के लिए सरकार प्रयासरत- सीएम योगी

सीएम (CM Yogi) ने डिजिटल बुनियादी ढांचे और आधुनिक तकनीक को न्यायिक व्यवस्था में शामिल करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट, ई-पुलिसिंग, ई-प्रिजन, ई-प्रॉसीक्यूशन और ई-फोरेंसिक के एकीकरण के लिए इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पर काम चल रहा है। डेटा-बेस्ड विश्लेषण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग से लंबित मामलों को कम करने और न्याय प्रक्रिया को तेज करने की योजना है।

न्यायिक अधिकारियों के लिए सुविधाएं और कल्याण के लिए सीएम योगी ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक अधिकारियों की सुविधाओं और कल्याण के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग को उत्तर प्रदेश ने पूर्ण रूप से लागू किया है, और इसके लिए 1,092.37 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अलावा, लखनऊ में न्यायिक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में 400 बेडेड हॉस्टल (54.28 करोड़ रुपये), स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (14.22 करोड़ रुपये), लेक्चर हॉल, प्रशासनिक भवन और ऑडिटोरियम के लिए 8.77 करोड़ और 2.36 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज के निर्माण के लिए भी 387 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उपलब्ध करवाई गई है जिस पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा प्रदेश में 110 ग्राम न्यायालय क्रियाशील किया जा चुके हैं और अन्य जगह जहां से हमें प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं उसे प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।

सीएम ने न्यायिक सेवा संघ के लिए 50 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड देने की घोषणा की, जो 2018 में शुरू किए गए 10 करोड़ रुपये के फंड को और मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए डिस्पोजीशन क्लर्क की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग पर सैद्धांतिक सहमति दी गई है।

न्यायिक अधिकारियों के चैंबर को आधुनिक बनाने पर जोर

सीएम (CM Yogi) ने कहा कि गर्मी में न्यायिक अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण देने के लिए सभी जनपद न्यायाधीशों के चैंबर में एयर कंडीशनर लगाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। इसके अलावा, सभी जनपद न्यायालयों में सीसीटीवी, फायर फाइटिंग उपकरण और अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है।

इस दौरान मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति राजन राय, न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के रणधीर सिंह, सभी जनपदों के न्यायाधीश समेत अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति गण व कई न्यायिक अधिकारी गण मौजूद रहे।

Tags: ‘सुशासन’Digital Courtsgood governanceHigh CourtJudicial SystemUttar Pradesh Judicial Services AssociationYogi Adityanathइलाहाबाद उच्च न्यायालयउत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघडिजिटल कोर्टन्यायिक व्यवस्थायोगी आदित्यनाथ
Previous Post

मंत्री पुत्र को प्रोटोकॉल देना मुख्य सचिव को पड़ा भरी, पद से हटाए गए आनंद कुमार

Next Post

अटल आवासीय विद्यालय के 50 से ज्यादा बच्चे बीमार, स्कूल प्रशासन में मचा हड़कंप

Writer D

Writer D

Related Posts

Mission Rojgar
उत्तर प्रदेश

सरकारी नौकरियों के साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन, आत्मनिर्भर बन रहे यूपी के युवा

28/08/2025
Bigg Boss 19v
Main Slider

Bigg Boss 19: शुरू हुआ घरवालों का क्लेश, अनुज कपाड़िया पर लगा ये आरोप

28/08/2025
Rahul Gandhi
Main Slider

हम साबित करेंगे बीजेपी और आरएसएस वोट चोर… सीतामढ़ी में राहुल गांधी का हमला

28/08/2025
UP Transport
उत्तर प्रदेश

अब और सरलता से मिलेंगी परिवहन विभाग की सुविधाएं

28/08/2025
Three terrorists of Jaish-e-Mohammed entered Bihar
Main Slider

बिहार में हाई अलर्ट: जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी घुसे, नेपाल मार्ग से हुई एंट्री

28/08/2025
Next Post
Atal Residential School

अटल आवासीय विद्यालय के 50 से ज्यादा बच्चे बीमार, स्कूल प्रशासन में मचा हड़कंप

यह भी पढ़ें

accident

तेज रफ्तार कार पलटी, दो महीने के बच्चे की मौत, मां-पिता व दादी घायल

16/04/2021

28 वें दिन डीजल के दाम में फेरबदल नहीं, जानिए पेट्रोल के रेट आपके शहर में

30/10/2020
ration shop

सरसों और मसूर की एमएसपी घोषित, पिछले साल से 400 रुपये बढ़ी

08/09/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version