गोरखपुर। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के पावन पर्व पर सोमवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ एवं नाथपंथ के गुरुजन की विशिष्ट पूजा की। साथ ही मंदिर की गोशाला में गोवंश की सेवा कर उन्हें गुड़ खिलाया। गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजन का अनुष्ठान सुबह 5 से 7 बजे तक चला। सामूहिक आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सीएम योगी (CM Yogi) ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी गुरुओं और मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों की विधि विधान के साथ पूजन किया। साथ ही देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। सोमवार सुबह मुख्यमंत्री ने सबसे पहले नाथपंथ के आदिगुरु भगवान गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath offers prayers at Gorakhnath temple on the occasion of Guru Purnima
(Source: Gorakhnath Temple Administration) pic.twitter.com/IePaWRR7Zz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 3, 2023
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी पूजा की। वह परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के पास पहुंचे और उनका पूजन किया। उसके बाद वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत ब्रह्मलीन गुरुओं की समाधि पर गए। सभी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर आशीर्वाद लिया।
सीएम योगी ने गुरू पूर्णिमा की लोगों को दी बधाई
गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ परंपरा के अनुसार, मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने गुरु गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद चढ़ाया। पूजा-अर्चना की आनुष्ठानिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत सामूहिक महाआरती हुई तथा सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई। इस अवसर पर सभी नाथ योगियों ने भी गोरक्षपीठाधीश्वर का नाथ परम्परानुसार आशीर्वाद लिया।
योगी (CM Yogi) से दुलार पाकर भाव विह्वल हुए गोवंश
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) हमेशा की तरह मंदिर की गोशाला भी गए। यहां उन्होंने गोवंश को उनके नाम से पुकारा और उनके पास आने पर खूब दुलारा। अपने हाथों से उन्हें गुड़ खिलाया।
योगी का दुलार पाकर गोवंश भाव विह्वल नजर आए। एक गोवंश योगी से इस कदर खेलने लगा कि मानो वह किसी बात पर रूठ गया हो। उन्होंने, क्यों नाराज है , कहकर उसके माथे व गर्दन को सहलाया तो वह स्नेह से लिपटने लगा।