Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

प्रदेश में मेधा की कमी नहीं, केवल उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है: सीएम योगी

CM Yogi

CM Yogi

लखनऊ। किसी भी सभ्य समाज के लिए जहां अच्छी शिक्षा आवश्यक है, वहीं उत्तम स्वास्थ्य के लिए अच्छी चिकित्सा व्यवस्था भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। जितना योगदान आरोग्यता प्रदान करने में चिकित्सकों का है, उससे कम भूमिका पैरामेडिक्स या अन्य नर्सिंग स्टाफ की नहीं है। चिकित्सकों के मार्गदर्शन में, उनके नेतृत्व में नर्सिंग स्टाफ मरीज के साथ अपने व्यवहार और सेवा के माध्यम से आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)  ने शनिवार को एसजीपीजीआई के श्रुति सभागार में नवचयनित 1,442 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए यह बातें कहीं। इस अवसर पर उन्होंने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि 6 वर्ष में हमने 6 लाख से अधिक नियुक्ति की प्रक्रिया को संपन्न किया है और हमने तय किया है कि हर वर्ष एक लाख सरकारी नियुक्तियां और निजी क्षेत्र में 12 से 15 लाख नियुक्तियों की संभावनाएं उत्तर प्रदेश के नौजवानों को उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे।

मेडिकल कॉलेज चिकित्सा का अच्छा माध्यम

अपने संबोधन की शुरुआत में सीएम योगी (CM Yogi)  ने कहा कि मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। कल भी हमने प्रदेश में 7 हजार से अधिक एएनएम को नियुक्ति पत्र वितरण किए थे। यह बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। पिछले 6 वर्ष के अंदर प्रदेश में जो परिवर्तन देखने को मिलते हैं वह बिना भेदभाव के शासन द्वारा किए गए कायर्क्रमों के परिणाम है। 2017 में जब हम आए थे तब कुल 12 मेडिकल कॉलेज थे और 2017 से 2022 के बीच में हम 63 जनपदों में पहुंच चुके हैं, जहां मेडिकल कॉलेज बन चुका है या बनने जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के सपने को प्रदेश साकार करने जा रहा है। मेडिकल कॉलेज चिकित्सा का एक अच्छा माध्यम होता है। हमें समाज की आवश्यकता के अनुरूप उस तरह की व्यवस्था देनी पड़ेगी।

देश भर में लागू किए जा रहे प्रदेश के कार्यक्रम

सीएम योगी (CM Yogi)  ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी के समय हमने देखा कि छोटे जनपदों ने भी अच्छा कार्य किया। प्रदेश में मेधा की कमी नहीं, केवल उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है, सही रास्ता दिखाने की आवश्यकता है। आज हर जनपद में मेडिकल कॉलेज के साथ ही नर्सिंग कॉलेज भी बन रहा है। क्वालिटी कंट्रोल को उसके साथ जोड़ा गया है। जो कार्यक्रम हमने धरातल पर उतारे हैं, उसे भारत सरकार ने देश में लागू करने को कहा है। मिशन निरामया के अंतर्गत जो कार्यक्रम अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश ने लागू किया, आज उसे पूरे देश में शुरू किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। यह दिखाता है कि हम सही रास्ते पर है।

कोई नहीं उठा सकता नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल

सीएम योगी (CM Yogi)  ने कहा कि यह नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम प्रधानमंत्री के मिशन रोजगार के साथ भी जुड़ा हुआ है। हर किसी को सरकारी नौकरी देना मुश्किल होता है, लेकिन सरकारी क्षेत्र में जितनी भी नियुक्तियां होंगी, उन सबके लिए लगातार हम नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं। 6 साल में 6 लाख सरकारी नियुक्तियां की जा चुकी हैं। पिछले 6 वर्ष के दौरान हर वर्ष हमने 12 से 15 लाख निजी क्षेत्र में नौकरी की संभावनाओं को विकसित किया है।

पहले वर्षों तक लटका रहता था गन्ने का भुगतान, आज एक हफ्ते में हो रहा : सीएम योगी

जब 2017 में हम आए थे तब उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 के आसपास थी, आज यह 3 और 4 के बीच है। हमने पारदर्शी तरीके के साथ हर व्यक्ति को नौकरी की संभावनाओं से जोड़ने का काम किया है। पिछले 6 वर्ष में हमने पुलिस विभाग में एक लाख 64 हजार से अधिक नियुक्तियां की हैं, बेसिक शिक्षा परिषद में 1 लाख 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की, माध्यमिक शिक्षा में 40 हजार से अधिक भर्तियां कीं। टेक्निकल संस्थानों में, स्वास्थ्य विभाग में, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग या उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग हो, इन सभी में नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शी तरीके से संपन्न करने का कार्य हुआ है। इन नियुक्तियों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता।

मरीजों से करें मनोवैज्ञानिक की तरह व्यवहार

सीएम (CM Yogi)  ने नर्सिंग स्टाफ को बेहतर व्यवहार और सेवा की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि पैरामेडिक्स का क्षेत्र बहुत पवित्र है। यह सेवा का  माध्यम है। यहां नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार बहुत महत्व रखता है। मरीज का आधा उपचार तो आपके व्यवहार से हो जाएगा। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार के लिए चिकित्सा अतिरिक्त बोझ होता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर हम उसके बोझ को हल्का करने का प्रयास करते हैं। लेकिन बीमारी का तनाव आप अपने व्यवहार से कम कर सकते हैं। जब आप मरीज की पीड़ा को समझते हुए उसे आश्वस्त करते हैं कि ठीक हो जाओगे, चिंता मत करो तो आधी से अधिक बीमारी स्वत: ठीक हो जाएगी। बीमारी शारीरिक के साथ मानसिक भी होती है। आपको मरीज के साथ एक मनोवैज्ञानिक की तरह व्यवहार करना है।

इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक,मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र,सीएम के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. राधाकृष्ण धीमन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Exit mobile version