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सीएम योगी ने बाढ़ पीड़ितों में बांटी राहत सामग्री, बोले- न कोई भूखा रहेगा और न बेघर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि  बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में लगा है। बाढ़ से प्रभावित कोई भी व्यक्ति न तो भूखा सोएगा और न ही कोई बेघर रहेगा। इस संबंध में प्रशासन के स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। न केवल बाढ़ बल्कि इसके बाद भी नागरिकों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कार्ययोजना बना ली गई है। सीएम ने कहा कि प्रदेश के हरेक नागरिक का जीवन हमारे लिए अमूल्य है। हम आश्वस्त करते हैं कि आपदा के इस समय मे सरकार पूरी तत्परता व प्रतिबद्धता से आपके से खड़ी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न  अपने पूर्वांचल दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत गोंडा जिले की देवीपाटन मंदिर में पूजा-अर्चना  कर और एक गौशाला में गायों को चारा और गुड़ खिलाकर की। इसके बाद उन्होंने सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।

महराजगंज के शाहाबाद स्थित जीएस पब्लिक इंटर कॉलेज में उन्होंने राहत सामग्री का वितरण किया।    सबसे पहले उन्होंने दस महिला लाभार्थियों मानसी, मानती हाताबेला हरैया,  इसरावती,  उर्मिला, राजमती  शाहाबाद, सुशीला मनसफ गढ, बरसाती बेलासपुर, ज्ञानमती बेलासपुर टोला पृथ्वीपुर, आरती व सुनीता बेलासपुर को पैकेट  वितरण किया।  इसके अतिरिक्त लगभग 500 अन्य लाभार्थियों को भी राहत पैकेट का वितरण किया गया। वहीं सिद्धार्थनगर में   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों  के साथ खड़ी है और उनकी सहायता के लिए प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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शनिवार को डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के शाहपुर मण्डी परिषद के परिसर में बाढ़ पीड़ितों  को सहायता राशि प्रदान करने के बाद उन्हें संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो हफ्ते से हो रही भारी बारिश के कारण राप्ती, बूढ़ी राप्ती, घोंघी तथा कूड़ी नदी का जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ का पानी आस-पास के इलाकों तक चला गया है।   डुमरियागंज तथा नौगढ़ तहसील के लोगों की सहायता के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।

सीएम योगी शुक्रवार से पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सघन दौरे पर हैं। बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर उनका दुख-दर्द साझा कर उन्हें राहत सामग्री प्रदान कर रहे हैं। ‘हर समय सरकार उनके साथ’ होने के भरोसे के साथ अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं कि किसी को तनिक भी परेशानी नहीं होनी चाहिए। शनिवार को सिद्धार्थनगर व महराजगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने, लोगों से मिलने के बाद वह गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने झंगहा, खजनी, सहजनवा और लालडिग्गी में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और राहत सामग्री का वितरण किया।

राहत सामग्री वितरण करने के दौरान मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश से पूर्वांचल के करीब 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गोरखपुर में करीब 304 गांवों की 2.26 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां 405 नाव और 50 स्टीमर लगाए गए हैं। बाढ़ चौकियों व कंट्रोल रूम के जरिये बाढ़ पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राप्ती खतरे के निशान से ढाई से तीन मीटर ऊपर बह रही है।  पिछले 50 साल् में नदियों का जलस्तर बढ़ने की इतनी खतरनाक स्थिति कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमनें 1991 व 1998 की स्थिति को भी देखा है। सीएम ने कहा कि बचाव के लिए समय पूर्व किए गए प्रभावी इंतजामों से जन व धन हानि को रोकने का पूरा प्रयास किया गया। इसमें कामयाबी भी मिली। बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की फ्लड यूनिट को पहले से ही सक्रिय कर दिया गया था। पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था के साथ राहत सामग्री का पर्याप्त इंतजाम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों में बाढ़ या बारिश का पानी घुस गया है, उन परिवारों के भोजन के लिए कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था की जा रही है। सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि एक भी नागरिक भूखा न रहने पाए। पानी से घिरे लोगों को उनके दरवाजे पर ही भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के पशुओं का भी सरकार को खयाल है। प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भूसे-चारे का संकट न हो, इसके लिए भी प्रशासन को निर्देशित किया गया है। हमें मनुष्यों के साथ उनके पशुओं को भी बचाना है।

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