उत्तर प्रदेश सरकार पांचवी विश्वकर्मा सम्मान योजना का आयोजन शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे। पांचवी विश्वकर्मा सम्मान योजना के अवसर पर एक दर्जन से ज्यादा प्रशिक्षित लाभार्थियों को टूल किट वितरण एवं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अतंगर्त चेक वितरण किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि, आज भगवान विश्वकर्मा के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीति में सेवा के 20 वर्ष पूरे हुए। हम सभी आज से अगले 20 दिनों तक अगल-अलग क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। वहीं सीएम योगी ने एक दूसरे कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों को उपहार प्रदान किया।
सीएम ने कहा कि , हम सब जानते है कि प्रधानमंत्री के राजनीति में सेवा के 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक के वर्ष पूरे हो रहे है, पूरे प्रदेश की ओर से उन्हें धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने अपने 20 वर्षों के दौरान एक दिशा दी है। इस अवसर पर ये कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, आओ सभी हस्तशिल्पियों का स्वागत है। विश्वकर्मा जी को निर्माण का देवता माना जाता है, हमने दिसम्बर 2018 में विश्वकर्मा सम्मान योजना शुरू की थी, इस योजना के माध्यम से परंपरागत हस्तशिल्पियों को सम्मान देते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि, पिछले डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना के साथ जुझ रही है…इस दौरान लोगों को जूझना पड़ा, लॉक डाउन लगाना पड़ा, प्रदेश में 40 लाख कामगार प्रवासी आये। इन्हें सबल बनाना एक चुनौती था, हमने ODOP के माध्यम से उन्हें मजबूत बनाया। एक जनपद एक उत्पाद और विश्वकर्मा योजना एक उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। हमने माटी कला बोर्ड के माध्यम से सोलर चाक वितरित किये,परिवार मजबूत बने।
सीएम योगी ने कहा कि, उत्तर प्रदेश की बहने, और माताएं यदि ठान लें तो उत्तर प्रदेश भी रेडीमेड निर्यात में आगे बढ़ेगा। मेरे लिए 11 हजार कारीगरों को आज यहां 171 करोड़ का लोन दिया जा रहा है। 2017 में अयोध्या दीपोत्सव के लिए दीप जलाने के लिए एक चुनौती थी। इस वर्ष भी वहां ये करना है, इसके लिए आज वहां सरकार के प्रोत्साहन से वहां कुम्हार दिए बना रहे हैं।
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सीएम योगी ने कहा कि, कभी हमको भगवान गणेश की मूर्तियों के लिए चीन के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था ,लेकिन आज हमारे कारीगर सरकारी सहायता से मूर्तियां बना रहे हैं, और उनसे अच्छा बना रहा है। सरकार टूलकिट दे रही है,बैंक लोन दे रहे हैं, और कारीगर मजबूत हो रहे हैं। देश आज़ादी के 75 वर्ष में हम लोगो को स्वावलंबी बना रहे हैं,और कार्यक्रम शुरू किया है। आज अबतक 1 लाख हस्तशिल्पियों को अबतक हम इस योजना से जोड़ चुके हैं, प्रशिक्षित करके टूलकिट उपलब्ध करवा चुके हैं। गांव के मोची,नाई,बढई को मंच मिलना चाहिए,उन्हें सबल बनाना है,उन्हें उच्च प्रशिक्षण देकर तकनीकी से जोड़ना है,और सर्टिफिकेट देकर साथ ही ट्रेनिंग दौरान 250 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता देते हुए उसे मजबूत बनाते हैं।