गोरखपुर, 28 नवम्बर (हि.स.)। कुदरती तौर पर जन्मजात जो बच्चे बोल-सुन न सकने की वजह से दिव्यांग की श्रेणी में आ गए थे, उन्हें केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय तथा राज्य के सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की मदद से नवजीवन मिला है।
कॉक्लियर इम्प्लांट के जरिये अब ये बच्चे न केवल सुन-बोल सकेंगे, बल्कि सामान्य बच्चों सा जीवन जीते हुए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ेंगे।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कॉक्लियर इम्प्लांट कराने वाले बच्चों से मुलाकात के दौरान कही। गोरखपुर के राजदीप ईएनटी अस्ताल में इन बच्चों को देख मुख्यमंत्री काफी प्रसन्न नजर आए। इस दौरान कॉक्लियर इम्प्लांट कराने के बाद बोलने में सक्षम हुई बच्ची अंशिका जायसवाल ने जब अपने नवजीवन को लेकर भावनाओं को शब्दों का रूप देकर सीएम का स्वागत किया तो योगी बेहद भावुक हो गए। मुख्यमंत्री ने बच्चों को खूब दुलार किया और उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने केंद्र व प्रदेश सरकार की मदद से कॉक्लियर इम्प्लांट करने वाले राजदीप अस्पताल के डॉक्टर राजेश यादव की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि डॉ यादव की ही भांति अन्य चिकित्सक भी यदि इस तरह के सेवाकार्य में आगे आएं तो बड़ी संख्या में जन्मजात मूक बधिर बच्चों का कॉक्लियर इम्प्लांट हो सकेगा।
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सुन व बोल नहीं सकने वाले ये बच्चे भी सामान्य जीवन जी सकेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के साथ प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की तरफ से बढ़ाए गए इस कदम से बच्चों के माता-पिता पर कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है।