लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर विश्व हॉकी के सार्वकालिक महान खिलाड़ी, पद्म भूषण ‘मेजर ध्यानचंद जी’ को उनकी जयंती पर कृतज्ञतापूर्ण नमन करते हुए कहा कि आपकी खेल प्रतिभा, आपकी राष्ट्रभक्ति भारतीयों के लिए प्रेरणास्पद है।
श्री योगी ने शनिवार को राष्ट्रीय खेल दिवस एवं मेजर ध्यानचंद की जयंती पर ट्वीटकर कहा “ वैश्विक खेल जगत में भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक, हॉकी स्पर्धा के विभिन्न विश्व विजयी अभियानों के शिल्पकार, विश्व हॉकी के सार्वकालिक महान खिलाड़ी, पद्म भूषण ‘मेजर ध्यानचंद जी’ को उनकी जयंती पर कृतज्ञतापूर्ण नमन। आपकी खेल प्रतिभा, आपकी राष्ट्रभक्ति भारतीयों के लिए प्रेरणास्पद है। ”
वैश्विक खेल जगत में भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक, हॉकी स्पर्धा के विभिन्न विश्व विजयी अभियानों के शिल्पकार, विश्व हॉकी के सार्वकालिक महान खिलाड़ी, पद्म भूषण ‘मेजर ध्यानचंद जी’ को उनकी जयंती पर कृतज्ञतापूर्ण नमन।
आपकी खेल प्रतिभा, आपकी राष्ट्रभक्ति भारतीयों के लिए प्रेरणास्पद है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 29, 2020
उन्होंने कहा “हॉकी के जादूगर’ पद्म भूषण मेजर ध्यानचंद जी की गौरवपूर्ण स्मृति को समर्पित ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के अवसर पर खेल की विभिन्न विधाओं में वैश्विक मंचों पर भारत की गरिमा वृद्धि करने वाले सभी खिलाड़ियों के प्रति सादर कृतज्ञता ज्ञापन। नवोदित खिलाड़ियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।”
‘हॉकी के जादूगर’ पद्म भूषण मेजर ध्यानचंद जी की गौरवपूर्ण स्मृति को समर्पित ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के अवसर पर खेल की विभिन्न विधाओं में वैश्विक मंचों पर भारत की गरिमा वृद्धि करने वाले सभी खिलाड़ियों के प्रति सादर कृतज्ञता ज्ञापन।
नवोदित खिलाड़ियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 29, 2020
गौरतलब है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की आज जयंती है। दुनिया में हॉकी को पहचान दिलाने वाले ध्यानचंद का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। ध्यानचंद को लोग प्यार से दद्दा कहकर संबोधित करते थे।
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ध्यानचंद की जयंती को “राष्ट्रीय खेल दिवस” मनाया जाता है। ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद शहर में हुआ था। ध्यानचंद की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती है। मेजर ध्यानचंद ने भारत को ओलंपिक में ती स्वर्ण पदक दिलवाए थे। उन्होंने एम्सटर्डम में हुए ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से सबसे ज्यादा 14 गोल किए थे। उन्होंने भारत को तीन ओलंपिक खेलों में गोल्ड दिलाया था। ध्यानचंद ने अपने हॉकी करियर में 1000 से अधिक गोल किए थे।