उत्तर प्रदेश में मथुरा के चांदी कारोबारी प्रदीप कुमार अग्रवाल से 43 लाख रुपए छीनने के मामले में सीएम योगी ने सख्त रुख अपनाते हुए 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले अफसरों में सेल्स टैक्स के जॉइंट कमिश्नर, एसआईबी अभिषेक श्रीवास्तव, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2, एसआईबी DN सिंह, अजय कुमार असिस्टेंट कमिश्नर, मोबाइल सचल दल सप्तम, आगरा और शैलेन्द्र कुमार, सीटीओ मोबाइल सचल दल- 7, आगरा प्रमुख हैं।
दरअसल आगरा दौरे के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यापारियों व जन प्रतिनिधि से मुलाकात में व्यापारियों का दर्द छलक गया। व्यापारियों ने सीएम से जब चांदी व्यापारी प्रदीप कुमार अग्रवाल से सेल टैक्स अधिकारियों द्वारा 43 लाख रुपए छीनने की बात बताई तो मुख्यमंत्री योगी ने तत्काल अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल को जांच के आदेश दिए। शुरुआती जांच में कई हैरतअंगेज खुलासे हुए हैं। मामले की जांच जब अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल कर रहे थे तो सीसीटीवी फुटेज से उनके सामने कई ऐसी चीजें आईं, जिससे वह चौंक गए।
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प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मथुरा से व्यापारी को निजी वाहन में सेल्स टैक्स आगरा के असिस्टेंट कमिश्नर मोबाइल सचल दल सप्तम अजय कुमार व शैलेंद्र कुमार (CTO) द्वारा पूरे फिल्मी अंदाज में उठाया जाता है। निजी वाहन से बिना किसी लिखा पढ़ी के वह सेल टैक्स आगरा ऑफिस लाते हैं। व्यापारी को इंट्रोगेशन के नाम पर धमकाया जाता है. नियमों का हवाला देते हुए व्यापारी से उसके 43 लाख रुपये अजय कुमार व शैलेन्द्र कुमार द्वारा छीन लिया जाता है। साथ ही अपने वरिष्ठ अधिकारी डीएन सिंह व अभिषेक श्रीवास्तव को उनका हिस्सा पहुंचा कर मामले को रफा-दफा करा दिया जाता है।
शैलेंद्र कुमार के आदेश पर व्यापारी के डिटेंशन को ना तो कागजी कार्रवाई में दिखाया जाता है, ना ही उसके इंटेरोगेशन की बातों को सरकारी कागजों में दर्ज किया जाता है। ये भी पता चला कि पूर्व में भी शैलेंद्र और अजय की इस जोड़ी ने कई मामले में व्यापारियों से धन उगाही ही थी। जिसकी शिकायत भी हुई पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही हुई।
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ऐसे में चांदी व्यापारी के पास से 43 लाख रुपए छीनने के बाद इन दोनों अधिकारियों की डीएन सिंह एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2 SIB व अभिषेक श्रीवास्तव ज्वाइंट कमिश्नर SIB आगरा से सांठगांठ व अच्छे संबंध होने पर शैलेंद्र कुमार और अजय कुमार पर शिकायत के बावजूद कार्यवाही न के बराबर हुई।
जब मामला आगरा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंचा तो मामले में जांच के आदेश देने के बाद में मुख्यमंत्री का हंटर इन चारों अधिकारियों पर चल गया है। सीएम के आदेश के तत्काल बाद इनको निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
गौरतलब है कि जब सीएम योगी ने जांच के आदेश दिए तो जांच की आंच जब राजधानी लखनऊ के विभूति खंड स्थित वाणिज्य कर मुख्यालय पहुंची तो हड़कंप मच गया। ऐसे में तमाम अधिकारियों के रोल भी सामने आए, जिनकी सरपरस्ती में ऐसे भ्रष्ट अधिकारी इस तरीके की वारदातों को अंजाम देकर फल फूल रहे थे।
सूत्रों की माने तो इसी कड़ी में मुख्यालय में तैनात अशोक कुमार सिंह एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2 जिनकी मूल पोस्टिंग ट्रेनिंग सेंटर पर हैं लेकिन 3 साल से मुख्यालय का सारा काम इनके द्वारा किया जा रहा है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को इनकी पनाह थी व इनकी सरपरस्ती में शैलेंद्र व अजय कुमार जैसे भ्रष्ट अधिकारी फल फूल रहे थे और उनको बचाने की पूरी जिम्मेदारी एके सिंह बखूबी अपना हिस्सा लेकर इनके काले कारनामों में मुख्यालय स्तर पर पर्दा डाल कर कर रहे थे।