मुरादाबाद। ’नए उत्तर प्रदेश’ के सुनहरे भविष्य के स्तंभ हैं ये बच्चे। छात्रों को बिना किसी डर के समर्पण भाव से कड़ी मेहनत करनी चाहिए। सरकार उनके संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखने के लिए उनके साथ खड़ी है।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) मंगलवार को मुरादाबाद में यूपी बोर्ड की परीक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं से भेंट करते वक्त कहीं। रामपुर में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समय निकाल मेधावियों का उत्साहवर्धन करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
योगी (CM Yogi) ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के टॉपर्स के साथ बातचीत करते समय स्मार्ट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने टॉपर्स की सफलता की सराहना की और शिक्षकों और छात्रों के परिवार के सदस्यों को भी बधाई देते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में छात्रों को स्मार्ट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना वित्तीय संसाधनों की कमी वाले परिवारों से आने वाले सभी वंचित बच्चों को लाभान्वित कर रही है। अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित करने के लिए अभ्युदय योजना के बेहतर कार्यान्वयन के बारे में सीएम ने कहा कि सरकार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में हर जिले में प्रत्येक उम्मीदवार की सहायता करने के लिए काम कर रही है।
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जब भी स्वार्थी लोग राजनीति में आते हैं वे समाज को विभाजित करते हैं
सीएम योगी (CM Yogi) ने पिछली राज्य सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि जब भी स्वार्थी लोग राजनीति में आते हैं, तो वे केवल भाषा, धर्म, संस्कृति और जाति के आधार पर समाज को विभाजित करने का प्रयास करते हैं। उनकी राजनीति वंशवाद और जातिवाद तक ही सीमित है। हालांकि, हमारी सरकार ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को उनके कौशल को सुधारने के लिए स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदान करने के लिए काम किया है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दें जोर : सीएम(CM Yogi)
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर ग्राम पंचायत में ऑप्टिकल फाइबर की सुविधा उपलब्ध करा रही है और हर व्यक्ति एवं प्रत्येक स्कूल को स्मार्ट और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने ई-लर्निंग पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहे और अच्छे शिक्षकों और छात्रों के बीच की खाई को पाटने के लिए ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाए।